इंदौर। साफ-सफाई, स्वच्छता व जल संरक्षण (water conservation) के लिए देश में नंबर वन शहर के सीने में शानदार कामयाबी का एक और तमगा उस वक्त जुड़ गया, जब एक, दो या दस, बीस नहीं, बल्कि जिले के 36 स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए कायाकल्प अवार्ड व पुरस्कार राशि की झड़ी लग गई। यह अवार्ड व पुरस्कार राशि स्वास्थ्य केन्द्रों (health centers) में गुणवत्तापूर्ण मापदंडों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए दिए गए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (national health mission) के तहत मध्य प्रदेश में कायाकल्प अवार्ड योजना (Kayakalp Award Scheme) में इंदौर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के 36 चिकित्सा संस्थाओं को स्वच्छता के उच्च मानकों (high standards) के लिए पुरस्कृत यानी सम्मानित किया गया है। दरअसल मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों (health centers) में बेहतर सुविधाएं व रख रखाव सहित कई अन्य तरह की बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से कायाकल्प अवार्ड योजना की शुरुआत की गई थी। इस कायाकल्प योजना में सारे प्रदेश में इंदौर जिला अव्वल रहा है।
इंदौर जिले का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा
कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत इंदौर के कलारिया उपस्वास्थ्य केंद्र (Kalaria Sub Health Center) ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह इंदौर के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाणगंगा प्रदेश का एकमात्र शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसका सर्वे में चयन कर कायाकल्प अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या (Health Officer Dr. B.S. satya) ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड की सभी श्रेणियों में इंदौर जिले (Indore District) का श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में कायाकल्प का उद्देश्य संस्थाओं में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा करना है।
विभिन्न श्रेणियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार अपने नाम किए
सुभाष नगर शहरी (Subhash Nagar Urban) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख पचास हजार रुपए प्राप्त हुए। इसके साथ ही साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र नगर, एमओजी लाइन, शिवबाग, बड़ी ग्वालटोली, मूसाखेड़ी, निहालपुर मंडी, बिचौली हप्सी, सुदामा नगर, खजराना एवं लसूडिय़ा संजीवनी, बाबू मुराई, सिविल डिस्पेंसरी, भंवरकुआं, जूनी इंदौर, अरण्य, कनाडिय़ा तथा निरंजनपुर को प्रोत्साहन पुरस्कार स्वरूप पचास-पचास हजार रुपए की सम्मान राशि प्राप्त हुई। इंदौर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर तथा पीसी सेठी सिविल अस्पताल को एक-एक लाख रुपए का प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शिप्रा को लगातार तीसरी बार इस श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ, जिसके फलस्वरूप उसे दो लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। इसी श्रेणी में कम्पेल, सिमरोल तथा पालिया को पचास-पचास हजार रुपए के प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए। इंदौर में विभिन्न श्रेणियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार अपने नाम किए हैं। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आजाद नगर को प्रथम पुरस्कार के रूप में दो लाख रुपए तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाणगंगा को दस लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।
इन कसौटियों पर परखा गया
कायाकल्प के अंतर्गत कई मानदण्डों जैसे कि सेवा की संतुष्टि, स्वच्छता, बायामेडिकल वेस्ट का निष्पादन, संक्रमण से रोकथाम, सकारात्मक परिवेश के आधार पर नामांकित संस्थाओं को गुजरना होता है। तीन स्तरों पर नामांकित संस्था का मूल्यांकन होता है, पहले संस्था स्वयं को नामांकित कर अपना दावा प्रस्तुत करती हैं, तत्पश्चात जिला तथा राज्य स्तर पर मूल्यांकन होता है। निरीक्षण, रिकार्ड संधारण, स्टाफ तथा मरीजों का इंटरव्यू किया जाता है। प्रत्येक स्तर पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाली संस्थाओं को पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र उपस्वास्थ्य केंद्रों ने भी बाजी मारी
उपस्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कनाडिय़ा को प्रथम पुरस्कार (first prize) के रूप में एक लाख रुपए तथा धरमपुरी एवं बूढ़ी बरलाई को द्वितीय पुरस्कार के रूप में पचास हजार रुपए प्राप्त हुए, जिसे दोनों संस्थाओं में पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए में बांटा गया। सेकण्ड रनरअप बिसनावदा को पैंतीस हजार रुपए का पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त लिम्बोदागारी, पलासिया, बारोली, मकोदिया, मुरादपुरा, सोलसिंदा, माता बरोदी को प्रोत्साहन पुरस्कार स्वरूप पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए प्राप्त हुए।
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