जामताड़ा: झारखंड में बंगलादेशी घुसपैठियों की खबरों के बीच जामताड़ा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल झारखंड के जामताड़ा जिले के एक राइस मिल का बांग्लादेशी कनेक्शन देखने को मिला है. मिली जानकारी के अनुसार जामताड़ा के बेना स्थित रामेश्वरम राइस मिल में अवैध रूप से रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश के बोरे में चावल पैक किए गए थे. बताया जाता है कि जिला प्रशासन की टीम को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजशेखर, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अबिश्वर मुर्मू और भारी पुलिस बल ने मिल में छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान रिपब्लिक ऑफ़ बांग्लादेश के पैकेट में चावल बरामद किए गए, जिसके बाद राइस मिल को सील कर दिया गया है. यही नहीं एक ट्रक को भी जप्त किया गया है. जिला प्रशासन की यह कार्रवाई अवैध चावल के व्यापार पर कड़ी नजर रखने और स्थानीय बाजार में मिलावटी चावल की आपूर्ति को रोकने के लिए की गई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित मिल मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
हालांकि राइस मिल मालिक संजय परशुरामका ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बर्धमान के एक व्यापारी ने चावल बांग्लादेश भेजने के लिए माल खरीदा था और बोरा दिया था. वही बोरा कुछ बच गया है. क्या बांग्लादेश का बोरा रहना अपराध है. मील में अब भी कई क्विंटल धान और चावल है, जो सील किये जाने के बाद नष्ट हो जाएगा. बता दें, राइस मिल से करीब 32 क्विंटल जन वितरण प्रणाली (PDS) के चावल समेत अन्य सामग्री और चावल लदे 1 ट्रक को जब्त कर लिया गया है.
इस संबंध में उपायुक्त कुमुद सहाय ने बताया कि विभिन्न स्त्रोतों से सूचना प्राप्त हुई कि जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के मिलीभगत से सरकारी चावल की कालाबाजारी की जा रही है, जिसके बाद उन्होंने पीडीएस दुकानों और राइस मिलों का औचक निरीक्षण करते हुए छापेमारी करने का निर्देश गया था. इसी क्रम में छापेमारी के दौरान मिल में व्याप्त अनियमितता की जानकारी मिली है, जिसे लेकर प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वहीं उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस संबंध में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल प्रशासन को दें, ताकि इस मामले की अच्छे से जांच हो सके.
उन्होंने बताया कि इस मामले की गहन जांच जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. मौके पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजशेखर ने बताया कि यह राइस मिल संगठित सिंडिकेट की तरह काम कर रहा था. चावल की तस्करी इतने गुप्त तरीके से की जा रही थी कि आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी. जांच में यह सामने आया है कि यहां एफसीआई का चावल अवैध रूप से बांग्लादेश भेजा जा रहा था. इतना ही नहीं, जन वितरण प्रणाली (PDS) के चावल को भी अन्य बोरों में पैक कर बाजार में खपाया जा रहा था.
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