भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनावी लिहाज से भारी भर्तियों के लिए कराई गई पटवारी परीक्षा (patwari exam) अब सवालों के घेरे में आती जा रही है. इसके परिणाम जारी होने के बाद से ही इसे लेकर खुलासों पर खुलासे हो रहे हैं. पहले ग्वालियर से एक ही केंद्र से बड़ी संख्या में टॉपरों के आने पर सवाल खड़े हुए. अब कांग्रेस (Congress) ने एक और सवाल खड़े हुए हैं, जिसमें दिव्यांग कोटे (disabled quota) में गड़बड़ी की बात कही गई है.
इस बार जारी हुए पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणामों में प्रदेश के कुल 21 दिव्यांग अभ्यर्थि पास हुए हैं. इसमें सबसे चौकाने वाली बात ये है कि कुल 21 में 12 छात्र एक ही स्थान से आते हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने इसे लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पटवारी भर्ती को लेकर कांग्रेस भड़की कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा जौरा में घोटाला हुआ है. दिव्यांग कोटे की सीट पर ज्यादातर जौरा के ज्यादातर बहरेपन के शिकार है. ये घोटाले बाज भाजपा का एक और कारनामा है. पूरी परीक्षा रद्द करनी चाहिए.
पटवारी भर्ती परीक्षा पर उठे सवाल बाद में सीएम शिवराज के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पहले पटवारी भर्ती में घोटाले के आरोप पर क्लीनचिट दी. शाम होते-होते सीएम शिवराज सिंह चौहान की पटवारी भर्ती नियुक्तियों पर रोक बताती है कि एमपी में सरकारी भर्तियों में झोल नहीं बहुत बड़ा घपला चल रहा है. कर्मचारी चयन आयोग ने पटवारी भर्ती 2022 में मुरैना जिले की जौरा तहसील के एक दर्जन छात्रों के दिव्यांग कोटे में चयनित होने का मामला सामने आया.
इस परीक्षा में 21 लोग पास हुए जिनमें 12 जौरा के हैं. यह सभी सुनने में अक्षम है, जिसका मेडिकल सर्टिफिकेट भी लगाया गया. आरोप है कि इन छात्रों ने वास्तविक दिव्यांगों के हक को मारा है इससे पहले NRI परीक्षा केंद्र से टॉप पर 10 छात्रों में से 7 के नाम सुर्खियों में आ चुके हैं. अब जौरा तहसील के 1 गांव और एक ही कोटे से एक ही समाज के एक दर्जन से ज्यादा लोगों का नाम सवालिया निशान खड़े कर रहा है.
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