भोपाल: चुनावी साल election year) में प्रदेश के बेरोजगार युवा (unemployed youth) लगातार सरकार की परेशानी बनते जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले तक जहां पटवारी परीक्षा के अभ्यार्थी (patwari exam candidates) प्रदर्शन कर रहे थे तो वहीं अब नर्सिंग के छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन जताया जा रहा है. एक दिन पहले नर्सिंग स्टूडेंट्स (nursing students) भोपाल के सड़कों पर उतरे. यहां वो शिवाजी नगर से राजभवन (Shivaji Nagar to Raj Bhavan) तक पैदल मार्च निकालना चाह रहे थे लेकिन, पुलिस ने बलप्रयोग कर स्टूडेंट्स को रास्ते में ही रोक दिया. लगभग पांच घंटे तक नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
एनएसयूआई नेता रवि परमार के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में नर्सिंग स्टूडेंट्स शिवाजी नगर चौराहे पर जमा हुए नर्सिंग छात्रों का हुजूम नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर निकला ही की रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया. मौके पर तीन थानों के सैंकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद थे. इस दौरान पुलिस प्रशासन और नर्सिंग स्टूडेंट्स के बीच झुमाझटकी भी हुई. नर्सिंग छात्र छात्राओं ने एसडीएम और तहसीलदार के आश्वासन को दरकिनार कर उन्हें उल्टे पैर लौटाया.
एसडीएम और तहसीलदार प्रदर्शनकारियों से कह रहे थे कि उन्हें ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप दी जाए. लेकिन छात्र इस बात पर अड़े रहे की वे राज्यपाल से मिलकर उन्हें ही ज्ञापन सौंपेंगे. हालांकि प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुई. ऐसे में राजधानी के शिवाजी नगर में करीब 5 घंटे तक नर्सिंग छात्र छात्राएं राजभवन जाने की जिद पर अड़े रहे. पांच घंटे बाद पुलिस ने बलप्रयोग कर उन्हें धरने से उठाया. इस दौरान शिवाजी स्क्वायर पर आवागमन बाधित भी हुई.
नर्सिंग में स्टूडेंट्स ने आल 2020 में नर्सिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से फरवरी 2023 तक भी परीक्षाएं नहीं हो सकी. ऐसे में पिछले तीन वर्षों से ये स्टूडेंट्स फर्स्ट ईयर में ही हैं. एक फरवरी 2023 को सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राएं अपनी परीक्षा की मांग को लेकर छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर प्रदर्शन करने गये थे लेकिन उसके बाद पुलिस प्रशासन ने रवि परमार को हथकड़ी लगा कर जेल भेज दिया था.
नर्सिंग स्टूडेंट्स के दल का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं, जिन छात्र छात्राओं का 2 साल का कोर्स पोस्ट बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग था, वह तीन साल बाद भी प्रथम वर्ष में ही हैं. यही हाल 4 साल के कोर्स बीएससी नर्सिंग वाले स्टूडेंट्स का है 3 साल बीतने के बाद भी उनकी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई छात्र.छात्राएं मानसिक रूप से परेशान हैं, उन्हें चिंता है कि उनकी डिग्री कब मिलेगी. उन्हें गलत कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में अगर कोई भी छात्र आत्मघाती कदम उठाता है तो इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार जिम्मेदार होगी.
रवि परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम से भी बड़ा नर्सिंग फर्जीवाड़ा हुआ हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और कई बड़े अधिकारी सीधे तौर पर संलिप्त हैं इतना ही नहीं फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए लाखों रुपयों का लेन-देन किया जाता है. नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले में मंत्री विश्वास सारंग के कर्मचारी और उनके सहयोगियों ने करोड़ों रुपए की उगाही की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए.
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