झज्जर. तीन कृषि कानूनों (Agricultural laws) को रद्द करने और एमएसपी को लेकर नया कानून बनाने की मांग कर रहे किसान 7 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं. किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत (Farmers Death) का सिलसिला भी रुकने का नाम नहीं ले रहा. टिकरी बॉर्डर पर रात के समय एक और किसान की अचानक तबीयत खराब होने के कारण मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान पंजाब के लुधियाना जिला निवासी सुखविंदर के रूप में हुई है.
45 वर्षीय सुखविंदर पिछले लंबे समय से टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल था. सुखविंदर की तबीयत खराब होते ही उसे बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आज बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में सुखविंदर का पोस्टमार्टम किया गया.
सुखविंदर के मौत के कारणों का अभी फिलहाल पता नहीं चल पाया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो सकेगा कि आखिर सुमिंदर की मौत किस वजह से हुई है. वहीं अस्पताल में सुखविंदर के शव का पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे किसान नेताओं ने सरकार से सुखविंदर को शहीद का दर्जा देने और उसके पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
बता दें कि 7 महीने के अंतराल में दिल्ली के तमाम बॉर्डरस पर अब तक करीब 540 किसान अलग-अलग कारणों की वजह से अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन अब भी सरकार और किसानों के बीच बातचीत का डायलॉक लगा हुआ है. जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अब देखना यह होगा कि आखिर बातचीत का ये डेडलॉक कब खत्म होता है और किसानों की मांगें आखिर कब तक पूरी होती हैं.
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