नई दिल्ली: पाकिस्तान भले ही आज बड़े आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से गुजर रहा है और देश की जनता भूख से तड़प रही है. इन हालातों के बावजूद उसे एक-दो देशों को छोड़कर कोई मदद देने के लिए तैयार नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी कंगाली की कगार पर पहुंच चुके देश से मुंह फेरे हुए है. इस बीच आईएमएफ (IMF), वर्ल्ड बैंक (World Bank) से एशियाई विकास बैंक तक ने देश की ग्रोथ रेट का जो अनुमान जाहिर किया है, उससे साफ है कि कि सी को पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रह गया है. ये रेटिंग देश की कंगाली का सबूत हैं.
महंगाई की मार और कर्ज का बोझ
सबसे पहले बात करते हैं अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Financial Crisis) में ताजा हालातों की, तो बता दें देश में महंगाई दर (Inflation Rate) 35 फीसदी के पास पहुंचकर कोहराम मचा रही है. इसके काबू में आने के हालात भी कम ही नजर आ रहे हैं. सरकार ने भी बीते दिनों महंगाई दर में और इजाफा होने की चेतावनी दी थी. देश की जनता आटे से लेकर दूध तक… बिजली से लेकर गैस तक के लिए मोहताज है. स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि लोग मुफ्त आटे की लूटपाट कर रहे हैं और इस छीना-झपटी में अपनी जान गवांने को भी मजबूर हैं. इसके साथ ही देश पर जो भारी भरकम कर्ज है, वो संकट को और भी बढ़ा रहा है.
Pakistan ने अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले रखा है. देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था. सरकार को आने वाले जून महीने में ही 3 अरब डॉलर का भुगतान करना है, जो होता नहीं दिख रहा है.
वैश्विक एजेंसियों ने इतना घटाया ग्रोथ रेट अनुमान
इस सब बातों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने FY23 में पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर के अनुमान को बिल्कुल घटा दिया है और कहा है कि ये 0.5 फीसदी रह सकती है. इससे पहले वैश्विक निकाय ने फरवरी में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट के अनुमान को 3.5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया था. इसके साथ ही आईएमएफ ने अपनी लेटेस्ट ग्लोबल इकोनॉमी आउटलुक रिपोर्ट में यह भी कहा कि देश की बेरोजगारी दर मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले साल के 6.2 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच सकती है.
आईएमएफ ही नहीं, वर्ल्डबैंक (World Bank) और एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) ने भी पाकिस्तान की ग्रोथ रेट के जो अनुमान जाहिर किए हैं, वो भी IMF के जताए गए अनुमान के आस-पास ही हैं. वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि पाकिस्तान की इकोनॉमी मौजूदा वित्त वर्ष में 0.4 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी. इसके अलावा एशियाई विकास बैंक (ADB) ने देश की अर्थव्यवस्था के 0.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान लगाया है. हालांकि, इन सभी वैश्विक निकायों ने कहा है कि 2024 में पाकिस्तान को कुछ राहत मिल सकती है. वित्त वर्ष 2024 में देश की आर्थिक वृद्धि 3.5 फीसदी पर पहुंचने की उम्मीद जताई गई है.
मदद की आस में कंगाल पाकिस्तान
पाकिस्तान के बिगड़े आर्थिक हालातों में मददगार देशों की बात करें तो बीते दिनों चीन ने 70 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया था, लेकिन इन परिस्थितियों में ये मदद ऊंट के मुंह में जीरा के समान ही नजर आ रही है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले बेलआउट पैकेज की किस्त का इंतजार कर रहा है, जो लगातार लंबा होता जा रहा है. साल 2019 में किए गए 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट समझौते के हिस्से के रूप में पाकिस्तान आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर के जरूरी फंड को रिलीज करने की गुहार लगा रहा है, इसे अभी तक मंजूरी नही मिल सकी है.
दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ेगा भारत
जहां आईएमएफ समेत अन्य निकायों ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट को बिल्कुल निम्न स्तर पर रखा है, तो वहीं भारत को लेकर सभी ने भरोसा जताया है. हालांकि, भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान में IMF ने कटौती जरूर की है, लेकिन अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर के अनुमान को 5.9 फीसदी कर दिया है. इससे पहले 6.1 फीसदी का अनुमान लगाया गया था. वहीं इससे पहले विश्व बैंक (World Bank) ने 2023-24 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3 फीसदी और एशियन डेवेलपमेंट बैंक (ADB) ने 6.4 फीसदी की गति से बढ़ने के अनुमान जताया है.
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