नई दिल्ली। आसाराम बापू (Asaram Bapu) को राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने झटका दिया है। हाईकोर्ट ने उनकी पैरोल याचिका खारिज (parole petition rejected) कर दी है। कार्यवाहक CJ एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने आसाराम बापू को यह कहते हुए पैरोल देने से इनकार किया कि जेल प्रशासन ने अच्छे से इलाज कराने का दावा किया है। वहीं जेल प्रशासन ने भी इलाज के लिए पैरोल मांगने वाली याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आसाराम को पैरोल देने की जरूरत नहीं है। जेल प्रशासन उनका अच्छे से इलाज करा रहा है। जेल प्रशासन की इस दलील को हाईकोर्ट ने मान लिया और आसाराम की याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि आसाराम पिछले 11 साल से जेल में कैद है, लेकिन वह किसी न किसी तरह बाहर आना चाहता है, इसलिए 11 साल में 12 याचिकाएं वह कोर्ट में दायर कर चुका है। कभी किसी बहाने से तो कभी बीमारी के बहाने वह पैरोल पर छोड़ने की मांग करता है। एक बार उसे सजा निलंबित किए जाने की याचिका दायर की थी, जो गत 11 जनवरी को खारिज कर दी गई थी। वहीं हर बार मेडिकल जांच में आसाराम ठीक मिलता है। डॉक्टरों के अनुसार, उसे कोई बीमारी नहीं हुई है।
बता दें कि आसाराम बापू नाबालिग से दुष्कर्म करने का दोषी है। उसे जोधपुर पुलिस ने 2013 में पकड़ा था। तब से अब तक वह जेल में ही है। करीब 5 साल केस की सुनवाई चली। उसके खिलाफ गवाही देने वाले 3 लोगों की हत्या भी हुई। कई गवाहों पर हमले हुए, लेकिन 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आसाराम के खिलाफ दूसरा केस भी दुष्कर्म का ही है। उसके खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ। इस केस में उसे 31 जनवरी 2023 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। आसाराम की यह दोनों सजाएं साथ-साथ चल रही हैं।
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