बेंगलुरु। देश की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Space agency ISRO) ने स्पेस में बड़ी कामयाबी (Big Success in Space) हासिल की है। इसरो ने रविवार देर रात दो स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) उपग्रहों – चेजर और टारगेट (Two Space Docking Experiment (Spadex) satellites – Chaser and Target) – को सफलतापूर्वक डॉक करने में कामयाबी हासिल की। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो अंतरिक्ष एजेंसी को अपनी तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए डेटा देगी।
इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और अब आगे की गतिविधियों की योजना बनाई जा रही है। डॉकिंग ऑपरेशन को ‘सुचारू’ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने इसे ऐसे अंजाम दिया जैसे यह ‘बच्चों का खेल हो।
पावर ट्रांसफर को किया पूरा
सोमवार देर रात इसरो ने कहा कि रविवार रात 8.20 बजे दूसरी डॉकिंग पूरी होने के एक दिन बाद, उसने बिजली का ट्रांसफर भी पूरा कर लिया। इसरो ने बताया कि इसके बाद, स्पैडएक्स सैटेलाइट-2 से सैटेलाइट-1 और इसके विपरीत भी पावर का ट्रांसफर किया गया और 21 अप्रैल को इसे पूरा किया गया।
उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन
इस प्रयोग में दूसरे सैटेलाइट से बिजली के माध्यम से एक सैटेलाइट में हीटर तत्व का संचालन करना शामिल था। बिजली हस्तांतरण की अवधि लगभग 4 मिनट थी और सैटेलाइट का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक था। दूसरे प्रयास में, 15 मीटर की अंतर-उपग्रह दूरी से डॉकिंग तक डॉकिंग पूर्ण स्वायत्तता के साथ पूरी की गई, जबकि पहले डॉकिंग प्रयास में 3 मीटर की अंतर-उपग्रह दूरी पर एक अतिरिक्त होल्ड प्वाइंट का मैन्युअल रूप से प्रयोग किया गया था।
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