भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नर्सिंग कॉलेज घोटाले (Nursing college scandals) में अब तक कई बड़े खुलासे हो चुके हैं, सीबीआई अभी भी इस मामले की जांच में जुटी है. वहीं इस मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जहां प्रदेश के 13 नर्सिंग कॉलेज (13 Nursing Colleges) में नर्सिंग काउंसिल की तरफ से जो मार्कशीटें भेजी गई थी, उन्हें लेने के लिए 13 कॉलेजों में कोई स्टाफ ही नहीं मिला. जबकि यह सभी 13 कॉलेज सीबीआई की सूटेबल लिस्ट में शामिल हैं.
नर्सिंग काउंसिल की तरफ से भेजी गई मार्कशीट नहीं लेने के चलते इन कॉलेजों पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं. क्योंकि जब कॉलेजों में कोई स्टॉफ नहीं मिला तो इस बात की शंका भी जाहिर की जा रही है कि क्या नर्सिंग कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे हैं. क्योंकि जब कोई अधिकारी या स्टॉफ कॉलेजों में नहीं मिला तो फिर मामला क्या है. या फिर सीबीआई जांच के डर के चलते कॉलेज संचालकों ने पते बदल दिए हैं. ऐसे में मामले में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है.
सूटेबल लिस्ट में शामिल इन 13 में से चार कॉलेज ग्वालियर जिले के हैं, इसके अलावा इटारसी, पन्ना, मुरैना, देवास, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, बड़वानी, बड़ागांव और दतिया जिले के कॉलेज भी इस लिस्ट में शामिल हैं. नर्सिंग काउंसिल की तरफ से इन सभी कॉलेजों को जानकारी भेजकर भोपाल आकर मार्कशीट लेने के लिए कहा गया है. वही अब यह 13 कॉलेज भी जांच के दायरे में आते नजर आ रहे हैं. क्योंकि अभी भी सीबीआई की टीम लगातार नर्सिंग घोटाले की जांच में जुटी है.
मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला सामने आने के बाद अब तक इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी है. मामला तब और ज्यादा दिलचस्प हो गया जब खुद सीबीआई के अधिकारी इस मामले में लिप्त पाए गए थे. दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने कई अधिकारियों को इस मामले में गिरफ्तार किया था, जो कॉलेज संचालकों से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए थे. वहीं रिश्वत देने के चलते कॉलेज संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है.
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