इंदौर। इंदौर शहर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। पहली बार शहर के इतिहास में ऐसा होगा जब एक साथ पांच फ्लायओवर (five flyovers) बनेंगे। इंदौर बायपास पर 200 करोड़ की लागत से पांच फ्लाइओवर बनाए जाएंगे जिसके लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (Central Public Works Department) (सीपीड.ल्यूडी) ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इंदौर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब एक साथ इतने ओवर ब्रिज बनेंगे। उसमें से एक फ्लाईओवर तीन लेयर वाला बनाया जाएगा जो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पहला होगा। योजना के हिसाब से 2024 में ये ब्रिज बनकर तैयार हो जाएंगे।
सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इंदौर के बायपास पर पांच नए फ्लायओवर बनाए जाएंगे। इससे बाईपास क्षेत्र (bypass area) में रहने वाले लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। इन पांचों फ्लायओवर के टेंडर जारी हो चुके हैं। दरअसल, सांसद शंकर लालवानी पिछले दो साल से लगातार इसके लिए प्रयास कर रहे थे। पिछले साल पीपल्याहाना फ्लाईओवर (Pipalyahana Flyover) के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सांसद को फ्लायओवर मैन की उपाधि तक दे दी थी।
सांसद ने बताया कि ये फ्लायओवर शिप्रा और मांगलिया (Shipra and Mangalia) के बीच अर्जुन बरोदा गांव (Arjun Baroda Village) के पास, बेस्ट प्राइस-झलारिया के पास, लाभगंगा गार्डन एमआर-10 चौराहे पर, रालामंडल चौराहे और राऊ सर्कल (Ralamandal Crossroads and Rau Circle) पर बनेंगे। बेस्ट प्राइस के पास बनने वाला फ्लायओवर तीन लेयर वाला एलिवेटेड फ्लायओवर होगा। कहा जा रहा है कि संभवत: ये मध्यप्रदेश का अपनी तरह का तीन लेयर वाला पहला ओवरब्रिज होगा। इन पांचों फ्लायओवर का टेंडर 18 फरवरी को जारी हुआ हैं। दावा किया जा रहा है कि 2024 तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे।
सांसद लालवानी ने बताया कि इंदौर बायपास से करीब 35 हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं लेकिन ओवरब्रिज ना होने की वजह से हमेशा हादसों का डर बना रहता है। इन फ्लाईओवर्स के बनने से बायपास से करीब रहने वाले हजारों लोगों को फायदा होगा और ईंधन एवं समय की भी बचत होगी। सांसद शंकर लालवानी ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Highways Transport Minister Nitin Gadkari) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद भी दिया। कहा कि पिछले साल नितन गडकरी ने इंदौर में इन फ्लायओवर की घोषणा की थी जिसके लिए टेंडर जारी हो गए हैं और विभाग ने दो साल से कम समय में इसे तैयार करने का समय तय किया है।
इंदौर बायपास से करीब 35,000 वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं लेकिन ओवरब्रिज नहीं है। इसके चलते हादसों का भय बना रहता है। फ्लायओवर बनने से बायपास के आसपास रहने वाले हजारों लोग लाभान्वित होंगे। इनकी जरुरत इसलिए भी है क्योंकि हादसों का भय रहता है और यातायात का दबाव अधिक रहता है। बेस्ट प्राइस झलारिया (Price Jhalaria) में फ्लायओवर इसलिए जरूरी है क्योंकि इंदौर से से भोपाल की ओर जाने वाले एवं भोपाल से आने वाले ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव रहता है।
इसी मार्ग पर मैरिज गार्डन भी कई हैं और स्कूल आने-जाने वालों का दबाव भी है। रालामंडल चौराहे (Ralamandal Crossroads) पर हादसों का भय बना रहता है इस कारण फ्लायओवर की जरुरत है। बायपास पर कई जगह कट पॉइंट भी हैं जो परेशानी का सबब है। अर्जुन बरोदा गांव में गोडाउन और वेयर हाउस की संख्या अधिक है। य़हां भारी वाहनों का दवाब रहता है। कई बार तो वाहन रांग साइड से आते हैं क्योंकि सही दिशा में जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसके अलावा अन्य वाहनों का दबाव भी यहां रहता है। राऊ सर्कल पर ट्रैफिक का दबाव बहुत है। यहां बायपास, एबी रोड, आईआईएम और पीथमपुर-महू के लिए वाहनों का दबाव ज्यादा रहता है। लाभगंगा गार्डन, एमआर-10 चौराहे पर यातायात का दबाव ज्यादा है। यहां भी भारी वाहनों के कारण हादसों का अंदेशा बना रहता है।
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