चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के पंजाब के सुनाम में डेरा खोलने की घोषणा की है. इसके बाद बवाल मचा हुआ है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) राम रहीम को असामाजिक चरित्र का बताते हुए सरकार से उनकी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. वारिस पंजाब दे संस्था के जत्थेदार अमृपाल सिंह ने भी डेरामुखी के ऐलान पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि सरकार राम रहीम को डेरा खोलने से रोके. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उन्हें नहीं रोका तो वे अपने समर्थकों के साथ डेरामुखी को रोकेंगे.
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट धामी ने कहा कि डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का चरित्र असामाजिक है और उन पर लगे आरोप जघन्य हैं. बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी राम रहीम बेअदबी के मामलों में भी मुख्य आरोपी हैं. एडवोकेट धामी ने कहा कि इस विवादास्पद व्यक्ति द्वारा पंजाब में डेरा खोलने की घोषणा से सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है और इससे पंजाब का शांतिपूर्ण माहौल खराब हो सकता है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस बेहद गंभीर मामले यह सुनिश्चित करे कि पंजाब में डेरा सिरसा की कोई भी शाखा न खोली जाए.
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि अपने खराब चरित्र और अपराधों के कारण जेल में बंद राम रहीम को बार-बार पैरोल देकर सिख मानसिकता को आहत किया जा रहा है और यह अब सुनाम में अपना डेरा खोलने की घोषणा करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि सिख समुदाय उनके इस कृत्य को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. सरकार को जघन्य कृत्यों के दोषियों को लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करने देना चाहिए. एडवोकेट धामी ने स्पष्ट किया कि पंजाब में डेरा सिरसा प्रमुख राम रहीम की किसी भी गतिविधि को स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से पैरोल के दौरान राम रहीम के ऑनलाइन भाषणों को रोकने की मांग की भी मांग की है.
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