नई दिल्ली । निजी बीमा कंपनी अवीवा लाइफ इंश्योरेंस (Aviva Life Insurance) ने स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान (Term Life Insurance Plan) अवीवा सरल जीवन बीमा (Aviva Saral Jeevan Bima) लॉन्च करने की घोषणा की. इंडिविजुअल नॉन-लिंक्ड (Individual non-linked), नॉन-पार्टिसिपेटिंग (non-participating), प्योर रिस्क लाइफ इंश्योरेंस प्लान ग्राहकों को किफायती वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह योजना (Saral Jeevan Bima Plan) समझने में आसान सुविधाएं प्रदान करती है और ग्राहकों को अपने प्रियजनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए उनकी आवश्यकताओं के आधार पर नीति को अनुकूलित करने की सुविधा देती है.
अवीवा का सरल जीवन बीमा प्लान 5 लाख रुपये की न्यूनतम बीमा राशि और 5 से 40 साल के बीच की पॉलिसी अवधि के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये तक की बीमा राशि प्रदान करता है. यह पॉलिसी ग्राहकों को नियमित भुगतान, एकल भुगतान और 5 या 10 वर्षों के सीमित वेतन के प्रीमियम भुगतान अवधि विकल्पों के बीच चयन करने की सुविधा भी प्रदान करती है. एक और फायदा यह है कि ग्राहकों को कई प्रीमियम भुगतान मोड विकल्पों में से चुनने का मौका मिलता है, यानी वार्षिक, अर्ध-वार्षिक या मासिक भुगतान. इस योजना के लिए प्रवेश आयु 65 वर्ष तक है और ग्राहक 5 वर्ष की छोटी अवधि से लेकर 40 वर्ष तक बीमा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
स्वास्थ्य एवं कल्याण से जुड़े उत्पाद पेश करेगी टाटा एआईए लाइफ
टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (टाटा एआईए लाइफ) ने कहा कि उसने पिछले वित्त वर्ष में अपनी कुल प्रीमियम आय में 34 प्रतिशत की वृद्धि अर्जित की. जीवन बीमाकर्ता ने यह भी कहा कि जैसे कि उसे अस्तित्व में आए 20 साल पूरे हुए हैं। वह आने वाले वर्ष में स्वास्थ्य और कल्याण (हेल्थ एंड वेलनेस) से संबंधित उत्पादों को पेश करने के लिए तैयार है, जो उद्योग के इतिहास में एक नया अध्याय है. टाटा एआईए लाइफ ने एक बयान में कहा कि उसने पिछले साल 11,105.09 करोड़ रुपये की कुल प्रीमियम आय दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2020 में 8,308.51 करोड़ रुपये रही थी.
उसकी पिछले साल कुल नवीनीकरण प्रीमियम आय वित्त वर्ष 2020 में 5,066.49 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,961.36 करोड़ रुपये हो गई. कंपनी ने कहा कि प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (AUM) में भी 47.16 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह पिछले वित्त वर्ष में 31,450 करोड़ रुपये से बढ़कर 46,281 करोड़ रुपये हो गई है.
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