नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मशीनरी के निर्माण को समर्थन देने के लिए एक नई योजना लाएगी। गोयल नई दिल्ली में एक होटल में काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट की ओर से आयोजित निर्यात पुरस्कार विजेताओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निम्न गुणवत्ता वाले उत्पाद को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए बीआईएस प्रमाणीकरण को गुणवत्ता नियंत्रण प्रमाण पत्र में बदलने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार गुणवत्ता नियंत्रण मानकों को पूरा करने के लिए सहयोग देने और प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, सरकार उन मानकों में संशोधन करने के लिए तैयार है, जो उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चमड़ा और फुटवियर उद्योग की विशाल क्षमता को पहचाना गया है। यह सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने उद्योगों से अमृत काल में अगले 25 वर्ष के लिए नए लक्ष्य तय करने की अपील की।
फुटवियर और चमड़े के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बन सकता है भारत
केंद्रीय उद्योग मंत्री ने कहा, फुटवियर और चमड़ा ऐसा क्षेत्र है जहां भारत विश्व में अग्रणी बन सकता है। उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग इस साल अधिक निर्यात हासिल कर सकता है। उन्होंने चमड़ा उद्योग से भारत के विभिन्न देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का फायदा उठाने को कहा।
उद्यमियों को आयात शुल्क पर आश्वासन
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, देश से बाहर बने कुछ प्रकार के चमड़े पर आयात शुल्क के संबंध में उद्योगों के सुझावों पर विचार किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व विभाग की गोदाम विनियमन (MOOWR) योजना का लाभ पूरी ताकत से उठाना चाहिए, जो उद्यमियों को किसी भी सामान का शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देता है।
कोल्हापुरी चप्पल के लिए बड़ी संभावना
गोयल ने कहा, कोल्हापुरी चप्पल बड़ी क्षमता वाला भारत का एक अनूठा उत्पाद है। इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, नए और बेहतर डिजाइन, आराम और पैकेजिंग के साथ अगर कोल्हापुरी चप्पलों को ब्रांडेड ईकोसिस्टम में शामिल कर सकें, तो असीम संभावनाएं हैं। उपयुक्त ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स दुनिया भर में आपूर्ति शृंखला बनाने में मदद कर सकता है।
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