भोपाल। देवभूमि हरिद्वार प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि मप्र में योग आयोग का गठन किया जाएगा। योग की शिक्षा का कार्य अभियान के रूप में चलेगा। साथ ही योग विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों और अनुभवी योगाचार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। खेल विभाग की गतिविधियों में भी योग को शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रभक्त, चरित्रवान और परोपकारी नागरिक तैयार करने में भी योग की शिक्षा का उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ न्यास के संस्थापक स्वामी रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अनेक वर्ष से नियमित रूप से योग कर रहे हैं। मुख्य रूप से प्राणायाम, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भाति आदि के साथ ही श्वांस लेने और छोडऩे के अभ्यास कर रहे हैं। गति के साथ साँस लेने के साथ नई ऊर्जा, नई चेतना और नई शक्ति शरीर को मिलती है, साँस छोडऩे पर अनेक विकार और कुविचार बाहर निकल आते हैं।
कोरोना काल में सहायक बना योग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में पतंजलि योगपीठ के सहयोग से मध्यप्रदेश में करीब ढाई लाख लोगों ने योग से निरोग का लाभ लेकर स्वास्थ्य लाभ लिया। आज रोगों के उपचार के लिए अनेक औषधियों का प्रयोग होता है, लेकिन योग का अपना विशेष महत्व है। अनेक रोगों का समाधान योग में समाहित है। योग स्वस्थ रहने का एक क्रांतिकारी और कारगर माध्यम है।
सनातन परम्परा में समस्याओं के समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चुनौतियों का समाधान हमारी सनातन परम्परा में पहले से ही मौजूद है। मेरा-तेरा करने का भाव छोटे दिल वालों का होता है, जो विशाल ह्रदय वाले होते हैं, वह कहते हैं पूरी दुनिया ही मेरा परिवार है। चौहान ने कहा कि दो इच्छाएँ हर व्यक्ति की होती हैं। एक कोई कभी मरना नहीं चाहता और दूसरा सब सुखी जीवन चाहते हैं। मनुष्य शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का समुच्चय है। अगर मनुष्य को सुखी होना है तो इन चारों को सुखी करना होगा। आज धरती का शोषण हो रहा है।
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