पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Former Union Minister Sharad Yadav) ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (Democratic Janata Dal) को लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Lalu Yadav’s party Rashtriya Janata Dal) के विलय करने का ऐलान किया है। शरद यादव ने कहा है कि 20 मार्च को उनकी पार्टी का आरजेडी में विलय हो जाएगा। शरद यादव के मुताबिक जनता परिवार को मजबूत करने की कोशिश के तहत वो ये कदम उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि खराब सेहत की वजह से भी शरद यादव अपनी पार्टी का विलय करना चाहते हैं।
नीतीश कुमार से अलग होने के बाद से लोकतांत्रिक जनता दल कभी अपना प्रभाव नहीं दिखा सकी। राष्ट्रीय जनता दल में लोकतांत्रिक जनता दल के विलय को शरद यादव और लालू यादव के राजनीतिक करियर के विराम के तौर पर भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि चारा घोटाले में नाम आने के बाद लालू यादव 1997 में जनता दल से बाहर निकल गए थे और खुद की पार्टी बनाई थी। इसके पीछे कारण ये था कि चारा घोटाले को लेकर पार्टी के भीतर ही लालू यादव पर सवाल उठने लगे थे क्योंकि वो इस घोटाले के मुख्य आरोपी थे। शरद यादव को उस वक्त लालू यादव का विरोधी समझा जाता था। 2005 में शरद यादव ने बिहार में लालू यादव के 15 साल के शासन को खत्म करने के लिए नीतीश कुमार का साथ भी दिया।
शरद यादव ने अपनी पार्टी के विलय के सवाल पर कहा कि ‘जनतांत्रिक जनता पार्टी की विलय जनता परिवार को साथ लाने की उनकी कोशिश का नतीजा है। आज देश के राजनीतिक हालात को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया था’ शरद यादव ने ये भी कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है और देश की जनता मजबूत विपक्ष की तलाश में है।
शरद यादव ने कहा कि ‘1989 में अकेले 143 सांसद जनता दल के थे. बाद में धीरे-धीरे पार्टी सामाजिक न्याय के एजेंडे को भूलती चली गई। आज समय है कि उसे फिर से जिंदा किया जाए.’ शरद यादव की बेटी ने 2020 में आरजेडी की टिकट पर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गई थीं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved