भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) आगामी विधानसभा चुनाव (MP assembly elections) को देखते हुए प्रदेश के हर वर्ग को साधने में जुट गई है. राज्य की महिलाओं (women of the state) के लिए ‘CM लाडली बहना’ के बाद अब CM शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने युवाओं के लिए बड़ा एलान किया है. आज CM ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवक-युवतियों (unemployed youth) के लिए ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ लाई जा रही है, इसके तहत उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर जॉब. युवक-युवतियां प्रतिमाह 10 हजार रुपए तक कमा सकेंगे. इसके अलावा कांग्रेस के बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी जमकर निशाना साधा.
CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा- बेरोजगार बेटे-बेटियों के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना लाए हैं. यह लर्न एंड अर्न स्कीम है. इस योजना के तहत काम सीखने के बदले पैसा दिया जाएगा. 12वीं पास युवाओं को 8 हजार रुपए प्रति माह, डिप्लोमा वाले युवक-युवतियों को 9 हजार रुपए प्रति माह और ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट वालों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह बतौर स्टाइपेंड दिया जाएगा.
इस योजना का लाभ लेने के लिए 7 जून से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी. सभी जिलों में 7 जून से सबसे पहले संस्थाओं का पंजीकरण होगा. इसके बाद 15 जून से युवाओं का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. 31 जुलाई को युवाओं का कॉन्ट्रैक्ट होगा और फिर अगले महीने से राशि खाते में आनी शुरू हो जाएगी.
CM शिवराज की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट मीटिंग में इस योजना को मंजूरी दे दी गई है. दरअसल, प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना’ को हरी झंडी देते हुए योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना कर दिया है. इस योजना के लिए 18 से 29 साल तक के युवा पात्र हैं. शुरुआत में 1 लाख युवाओं को लाभ दिया जाएगा. CM शिवराज ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने वाली बात पर निशाना साधते हुए कहा- हम बच्चों को बैसाखी नहीं बल्कि उड़ने के लिए पंख दे रहे हैं. बेरोजगारी भत्ता बेमानी है.
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को लेकर MP PCC चीफ कमलनाथ ने हमला बोला है. उन्होंने CM शिवराज पर तंज कसते हुए कहा- शिवराज कैबिनेट बेवकूफ बनाने का प्रोग्राम चला रही है. सरकार गुमराह करने के कार्यक्रम कर रही है. 5 महीने चुनाव के बचे हैं. अब उन्हें यूथ , बहनें , नौजवान और किसान याद आ रहे हैं. 18 साल उन्हें कोई याद नहीं आया. उनका प्रयास है कि मध्य प्रदेश के मतदाताओं को कैसे गुमराह किया जाए.
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