चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना की निंदा करते हुए कहा है कि इसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा. सीएम मान ने अग्निपथ योजना को लेकर प्रतिपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में ये बात कही. उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव सर्वसम्मति के साथ लाया जाएगा.
सीएम भगवंत मान ने कहा, ‘वह अग्निपथ योजना के बिल्कुल खिलाफ हैं. यह बहुत दुखद है कि 17 साल का एक बच्चा फौज में जाएगा और 21 साल में पूर्व फौजी बन जाएगा. इस उम्र में तो उसकी शादी भी नहीं हुई होगी. वह फौज से बाहर आने के बाद कैंटीन से सामान लेने की सुविधाएं भी नहीं ले सकेगा.’
उन्होंने कहा कि युवा कड़ी मेहनत करने के बाद फौज में भर्ती होते हैं और करीब 35 साल की आयु तक नौकरी करते हैं, जबकि नई योजना के तहत उन्हें इतनी ही मेहनत के बाद महज 4 साल के बाद ही फौज से हटना पड़ेगा. मुख्यमंत्री से पहले पहले नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने भी कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों को एकमत होना चाहिए. सर्वसम्मति से विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए. हालांकि भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि ये योजना युवाओं के हित में है.
अग्निपथ योजना में 4 साल की भर्ती
बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीरों की 4 साल के लिए भर्ती की जाएगी. उन्हें पहले साल करीब 30,000 रुपये महीने वेतन मिलेगा. फिर इसमें हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, यानी दूसरे वर्ष में उनका वेतन 33,000, तीसरे वर्ष में 36,500 और चौथे वर्ष में 40,000 रुपये हो जाएगा. इस बीच, सेवा निधि कोष के लिए हर महीने उनके वेतन का लगभग 30% काटा जाएगा. सेवा के अंत में यानी 4 साल के बाद सरकार द्वारा कुल 11.77 लाख रुपये तक की राशि का प्रत्येक अग्निवीर को भुगतान किया जाएगा. चार साल के बाद करीब 25 फीसदी अग्निवीरों को आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा.
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