मुंबई: महाराष्ट्र में लोकायुक्त विधेयक पारित (Lokayukta Bill passed) करवा दिया गया है. लंबे समय से इसकी चर्चा चल रही थी, सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने भी ऐलान कर दिया था, अब बुधवार को शीतकालीन सत्र (winter session) के दौरान उस विधेयक को पारित करवा दिया गया. ये विधेयक मायने इसलिए रखता है क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) लगातार इसकी मांग कर रहे थे. उनकी नजरों में भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए लोकायुक्त जरूरी था. वे ये भी चाहते थे कि मंत्रियों से लेकर सीएम तक, सभी को इस कानून के दायरे में लाया जाए.
अब शिंदे सरकार ने उसी दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं. लोकायुक्त विधेयक को पारित करवा दिया गया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ इसे एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले अन्ना हजारे ने भी लोकायुक्त लाने के फैसले को क्रांतिकारी बताया था. उनकी तरफ से सीएम एकनाथ शिंदे का शुक्रिया अदा किया गया था.
उन्होंने कहा था कि मैं सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को शुक्रिया कहता हूं क्योंकि उन्होंने लोकायुक्त कानून लाने का ऐलान कर दिया है. मैंने उन्हें बताया है कि ये फैसला भ्रष्टाचार से लड़ने में क्रांतिकारी साबित होगा. मैं तो 2018 में रामलीला मैदान में अनशन पर बैठा था, तब के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुझे लोकायुक्त लाने का वादा किया था. लेकिन तब कोई फैसला नहीं लिया गया. सरकार बदल गई, उद्धव ठाकरे आए, उन्हें भी मैंने इस बारे में कहा लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया.
वैसे अन्ना के अलावा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ दिन पहले एक बयान में लोकायुक्त को लेकर बड़ी बात कही थी. उनकी तरफ से पिछली सरकार पर निशाना साधा गया था. उन्होंने बोला था कि अन्ना हजारे राज्य में लोकपाल एक्ट के तर्ज लोकायुक्त चाहते थे. इसी वजह से जब हमारी सरकार थी, हमने अन्ना हजारे की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था.
लेकिन जब राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी, उन्होंने उन सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दिया, तब कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब जब हम फिर सत्ता में आए हैं तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. अभी के लिए लोकायुक्त में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों समेत पांच लोगों को शामिल किया जाएगा.
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