• img-fluid

    जब 25 साल के थे तो आत्महत्या करना चाहते थे अन्ना हजारे, फिर जिंदगी को ऐसे मिला लक्ष्य

  • July 03, 2021

    नई दिल्ली। लोगों को छोटी-छोटी परेशानियों से लड़ने की बजाय खूबसूरत सी जिंदगी से हार मानाना आसान सा लगने लगा है। यही वजह है कि जरा सी बात पर लोग अपनी जान दे देते हैं। आत्महत्या की घटनाओं बढ़ोतरी के बीच एक कार्यक्रम में सरकार को हिला देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उनके मन में भी आत्यहत्या के ख्याल आने लगे थे। जिंदगी एकदम व्यर्थ लगने लगी थी। जानें आत्महत्या करने के बारे में सोचने वाले अन्ना हजारे को कैसे मिला जिंदगी का लक्ष्य?

    सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक कार्यक्रम में बताया कि बचपन से उनकी मांग उन्हें चोरी नहीं करना, झूठ नहीं बोलनाबुरी चीजें नहीं सीखना, किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाना और अपने से बड़ों का सम्मान करना जैसी बातें सिखाती आईं थीं, जिससे वे एक बेहद आदर्शों पर चलने वाले बालक बन गए।

    सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान अन्ना हजारे ने कहा कि युवावस्था में मन में बहुत अलग-अलग ख्याल आते हैं। उनके मन में भी ऐसे ख्याल आए थे। उन्होंने कहा,” 25 साल की उम्र में मेरे मन में सवाल आने लगे कि आखिर जीवन क्या है? किस लिए जीते हैं लोग? जवाब न मिलने पर जिंदगी एकदम व्यर्थ लगने लगी। इसके बाद आत्महत्या के ख्याल मन में आने लगे।


    अन्ना को कैसे मिला जिंदगी का लक्ष्य?
    84 वर्षीय अन्ना हजारे ने युवाओं को बताया कि जब मेरे मन में आत्महत्या के ख्याल आते थे, उसी दौरान किसी काम से दिल्ली जाना हुआ। दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक बुक स्टॉल पर स्वामी विवेकानंद की किताब दिखाई दी, जिसे खरीद लिया। किताब को पढ़ा तो जिंदगी की डोर हाथ लग गई।  विवेकानंद ने लिखा था कि पूरे जीवन का ध्येय बनाइए। ध्येय सुनिश्चित करने के बाद मंजिल की ओर से आगे बढ़िए। जब मंजिल में पर चलेंगे तो कई तरह की मुसीबतें आएंगी।

    अन्ना ने बताया कि उस किताब को पढ़ते हुए मुझे अपने सवालों का जवाब मिल गया और उसके बाद मैंने फैसला किया कि लोगों की सेवा करनी है। बुराई के खिलाफ आवाज उठानी है। उन्होंने बताया, ‘समाज सेवा करने का फैसला लेने के बाद अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा। कई तरह की मुश्किलें भी आईं। खाने को पैसे नहीं थे, चने खाकर वक्त काटा। बस में सफर के लिए पैसे नहीं, कहीं जाने पर ठहरने के पैसे नहीं। लेकिन बढ़ता गया। छोटे-छोटे प्रयास करता गया और फिर उनमें सफलता भी मिलती चली गई।’ 

    अन्ना हजारे ने युवाओं को दी जिंदगी की यह सीख
    84 वर्षीय अन्ना हजारे ने युवाओं से धूम्रपान, तंबाकू और शराब या अन्य तरह नशा न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ये कोई अच्छी चीज नहीं है। उन्होंने युवा शक्ति से अपील की कि युवाओं में शक्ति का भंडार है, देश को युवाओं की जरूरत है। देश में तमाम तरह की समस्याएं हैं, जिनको युवा ही खत्म कर सकते हैं। युवाओं को सीख देते हुए अन्ना हजारे ने दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए आंदोलन समेत कई अन्य आंदोलनों और कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने युवाओं से कहा कि देश में अलग-अलग क्षेत्रों में आप लोगों की जरूरत है। आप जिंदगी का ध्येय बनाइए और चल पढ़िए अपनी मंजिल पर।

    Share:

    Indian Railways: रेलवे ने बनाया रिकॉर्ड, जून में हुई 11186 करोड़ रुपये की कमाई

    Sat Jul 3 , 2021
    नई दिल्ली. कोरोना काल में चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. रेलवे ने पिछले 10 महीने (सितंबर 2020 से जून 2021) में अब तक की सबसे अधिक माल ढुलाई का रिकॉर्ड बनाया है. रेलवे ने जून 2021 में 112.65 मिलियन टन माल की ढुलाई की, जो जून 2019 […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved