नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के प्रदर्शन का आज 25वां दिन है। कड़ाके की ठंड में भी किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की हुई है। आज आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को याद किया गया। आज देश के सभी जिलों, तहसील व गांवों में श्रद्धांजलि सभाएं हो रही हैं। गाजीपुर बॉर्डर और भाकियू कार्यालय समेत कई जगहों पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है। अन्ना हजारे दिल्ली के जंतर-मंतर या राम लीला मैदान में आंदोलन करेंगे। अन्ना हजारे ने इसके लिए केंद्र सरकार को अर्जी भेजी है।
दिल्ली यातायात पुलिस ने रविवार को ट्विटर के जरिए बताया कि टिकरी और धंसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है और झटिकारा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है। पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले लोगों के लिए झड़ोदा, दौराला, कापसहेड़ा, बदूसराय, रजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। सिंघु बॉर्डर पर भी दिवंगत किसानों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कई किसान नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को याद किया। किसान आंदोलन शुरू हुए चार सप्ताह हो चुके हैं और इसके कारण सीमा पर कई बिंदुओं पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया गया है
जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। किसान आंदोलन जब से शुरू हुआ है तब से ही दिल्ली यातायात पुलिस लगातार ट्वीट कर सड़के बंद होने और वैकल्पिक मार्गों से जुड़ी जानकारी यात्रियों को दे रही है। दिल्ली शीत लहर की चपेट में है, इसके बावजूद केंद्र के कृषि कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। शहर में रविवार को पारा 3.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जो इस मौसम में अब तक का सबसे न्यूनतम तापमान है। किसान आंदोलन की आग अब विदेश तक भी फैल रही है। अमेरिका के दो सिख एनजीओ ने टीकरी बॉर्डर पर आंदेलनरत किसानों को टॉयलेट, गीजर और टेंट डोनेट करने का फैसला लिया है। एनजीओ के होशियारपुर कॉरडिनेटर एसपी सिंह खालसा ने कहा कि प्रदर्शन स्थल पर मूलभूत सुविधाओं की कमी को देखते हुए हमने किसानों को 200 पोर्टेबल टॉयलेट और गीजर देने का फैसला किया है।
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