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    anmashtami 2023 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की ये है सही डेट, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, रोहिणी नक्षत्र व सबकुछ

  • September 05, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli )। हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, द्वापर योग (sum) में इस तिथि को भगवान श्रीकृष्ण (lord shri krishna) का आधी रात को जन्म हुआ था। उस समय रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) था। इसलिए जन्माष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र का भी विचार किया जाता है। इस साल भी रोहिणी नक्षत्र व अष्टमी तिथि के चक्कर में जन्माष्टमी की तारीख पर कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। जानें इस साल गृहस्थों के लिए जन्माष्टमी का पर्व मनाना किस दिन रहेगा शुभ-


     

    भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि कब से कब तक-

    भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।

    रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक रहेगा-

    रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और 07 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।

    गृहस्थ कब मनाएं जन्माष्टमी- गृहस्थ जीवन वालों के लिए 06 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाना शुभ रहेगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र व रात्रि पूजन का भी शुभ मुहूर्त बन रहा है। बाल गोपाल का जन्म मध्य रात्रि को हुआ था। इसलिए इस साल 06 सितंबर को मथुरा में भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

    जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त-

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन का समय 06 सितंबर 2023 को रात 11 बजकर 57 मिनट से 07 सितंबर को सुबह 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। पूजन अवधि 46 मिनट की है। मध्यरात्रि का क्षण सुबह 12 बजकर 02 मिनट है।

    जन्माष्टमी पूजा- विधि

    सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
    घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
    घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
    सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
    इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
    लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
    इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
    लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
    अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
    लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
    इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
    रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
    लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
    लड्डू गोपाल की आरती करें।
    इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
    इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

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