नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस को सिद्धू मूसेवाला की हत्या में एक और बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने शूटआउट में शामिल अंकित और उसके साथी सचिन भिवानी को गिरफ्तार किया है. ये दोनों लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार के गैंग में काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से पंजाब पुलिस की तीन वर्दी के अलावा एक 9mm की पिस्टल, एक .3mm की पिस्टल और डोंगल के साथ दो मोबाइल सेट बरामद किया है.
पुलिस के मुताबिक, अंकित सिरसा ने नजदीक से सिद्धू मूसेवाला पर गोली चलाई थी. प्रियव्रत फौजी के साथ अंकित उसकी गाड़ी में ही मौजूद था. शुरू में अंकित और फौजी दोनों एक साथ भागे थे. प्रियव्रत को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि अन्य आरोपी सचिन भिवानी सिद्धू मूसेवाला मामले के चार शूटरों को पनाह देने के लिए जिम्मेदार था. पुलिस ने बताया कि सचिन भिवानी राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का पूरा काम संभलता था.
पुलिस इन दोनों को तीन जुलाई की रात 11 बजकर 5 मिनट पर कश्मीरी गेट के पास महात्मा गांधी मार्ग से गिरफ्तार किया. इनके पास सेडो पिस्टल के अलावा पंजाब पुलिस की तीन वर्दी भी बरामद की गई हैं. पुलिस इस मर्डर केस में शामिल दर्जनों आरोपियों को अब तक हिरासत में ले चुकी है. वहीं, गोली मारने वाले शूटर्स की धड़पकड़ जारी है.
सूत्रों की मानें तो सभी शूटर्स लॉरेंस बिश्नोई के करीबी हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पुलिस की ताबड़तोड़ रेड जारी है. इससे कुछ दिन पहले ही मूसेवाला मर्डर केस को लेकर हरियाणा के फतेहाबाद में पंजाब पुलिस ने दबिश दी, जहां एक और संदिग्ध पकड़ा गया था.
गौरतलब है कि बीती 29 मई को पंजाब के मानसा जिले स्थित जवाहरके गांव के नजदीक सिद्धू मूसेवाला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. गोल्डी बरार तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का बेहद करीबी है.
इन्होंने अपने दोस्त विक्की मिद्दूखेड़ा की मौत का बदला लेने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. बता दें कि पिछले साल मिद्दूखेड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लॉरेंस गैंग का मानना था कि विक्की मिद्दूखेड़ा के हत्यारों को सिद्धू मूसेवाला पनाह देने का कर रहे थे.
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