जयपुर (Jaip[ur)। राजस्थान में मुख्यमंत्री (Chief Minister in Rajasthan) का फैसला सबसे बड़ा चौंकाने वाला हो सकता है। अब तक बीजेपी (BJP) के केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्रियों (Chief Ministers in Chhattisgarh and Madhya Pradesh) के नामों का ऐलान किया है। उनसे यही संकेत मिल रहे हैं कि राजस्थान उससे भी बड़ा सरप्राइज मिल सकता है। हालांकि पिछले 4-5 दिन से मीडिया की ओर से कई राष्ट्रीय नेताओं और सीनियर विधायकों के नाम सुर्खियों में रहे लेकिन पीएम मोदी अपनी कार्यशैली के मुताबिक सबको चौंका सकते हैं।
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक से पहले अचानक अनिता भदेल चर्चा में आ गई हैं। वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं की दावेदारी के बीच अब अनिता भदेल का नाम भी जुड़ गया है। चर्चा है कि जिस तरह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा ने दिग्गजों को दरकिनार कर नए चेहरों को कमान सौंपी वही फॉर्मूला राजस्थान में भी अपनाया जाएगा।
कुछ जानकारों का मानना है कि भाजपा के नए प्रयोग में अनिता भदेल की लॉटरी लग सकती है। इसके पीछे कई वजहें भी गिनाईं जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में ओबीसी चेहरा देने के बाद भाजपा राजस्थान में किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाकर आधी आबादी को खुश करने का प्रयास करेगी, जिसकी भूमिका भाजपा की सफलता में अहम मानी जा रही है। जानकारों का मानना है कि अनिता के जरिए भाजपा एक तीर से कई निशाने साध सकती है।
वसुंधरा की बनेंगी काट?
सीएम दावेदारों में वसुंधरा राजे का नाम अब भी मजबूत माना जा रहा है। करीब तीन दर्जन करीबी विधायकों के जीतने के बाद राजे ने पार्टी पर दबाव बनाने की हर मुमकिन कोशिश की है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि राजे को मौका दिया जा सकता है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जिस तरह पुराने चेहरों को दरकिनार कर नए नेताओं को सीएम और डिप्टी सीएम बनाया गया है। राजस्थान में भी यही ट्रेंड कायम रहने की संभावना बढ़ गई है। माना जा रहा है कि अनिता को पार्टी वसुंधरा की काट के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।
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