उज्जैन। पशुपालन का डिग्री कोर्स अब जबलपुर के साथ उज्जैन में भी प्रारंभ किया जाएगा। डेयरी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर युवा अपने मजबूत इरादों और मेहनत से दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश को देश में सर्वोच्च स्थान पर ले जाएँगे।
विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल होने पर आयोजित संगोष्ठी में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में देश का डेयरी कैपिटल बनने की क्षमता हैं। डेयरी टेक्नोलॉजी एक नए मार्ग को युवाओं के लिए खोलता है। भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी की अकादमिक डिग्री कोर्स की शुरुआत की जा रही है। डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित कौशल प्राप्त युवा डेयरी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अपने मजबूत इरादों व मेहनत से दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश को सर्वोच्च स्थान पर ले जाएंगे।भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और दुग्ध उत्पादन में 9 प्रतिशत की भागीदारी के साथ मध्यप्रदेश का देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का औसत 673 ग्राम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम का है। हमें इन उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना है। सही दिशा में समेकित प्रयास करने पर हम डेयरी के क्षेत्र में भारत के नंबर-1 राज्य बनेंगे।प्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाने के लिए दूध की प्रति लीटर क्रय के आधार पर सरकार पशुपालकों को बोनस भी प्रदान करेगी। इसी के साथ पशुधन के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार संपूर्ण रूप से प्रयासरत है। इसके लिए 1,00,000 हैक्टेयर सिंचाई का नया रकवा बढ़ाया जाएगा। मालवा का क्षेत्र कृषि में भी समृद्ध है,तथा यह पशुपालन में भी समृद्ध बनेगा। पशुपालन का डिग्री कोर्स अब जबलपुर के साथ उज्जैन में भी छात्रों को प्रदाय किया जाएगा। स्वागत भाषण संभागायुक्त व उज्जैन दुग्ध संघ प्रशासक संजय गुप्ता ने दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना कर की गई।कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री डॉ यादव को एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ हॉनर दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ यादव का स्वागत वेद ऋचाओं की गूंज के बीच शाल,श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर संभागायुक्त व उज्जैन दुग्ध संघ के प्रशासक गुप्ता व विक्रम विश्वविद्यालय कुलगुरु अर्पण भारद्वाज द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के एक्टिविटी कैलेंडर का विमोचन किया गया।
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