नई दिल्ली (New Delhi) । भारतीय उद्योगपति और एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के भाई अनिल अंबानी (Anil Ambani) का कोराबार ठीक नहीं चल रहा है. उनकी कई कंपनियां (companies) बिकने की कगार पर हैं. जहां एक ओर रिलायंस कैपिटल (RCap) के लिए दो बार बोलियां लगाई जा चुकी हैं, तो वहीं उनके एक पावर प्लांट को बेचने की तैयारी भी हो चुकी है. इस पॉवर प्लांट का नाम विदर्भ इंडस्ट्रीज पॉवर लिमिटेड है और इसे खरीदने की रेस में गौतम अडानी भी शामिल माने जा रहे हैं.
VIPL की नीलामी की तैयारी
विदर्भ इंडस्ट्रीज पॉवर लिमिटेड (VIPL) की नीलामी बैंक्रप्सी कोर्ट द्वारा की जा रही है, जिसमें अडानी ग्रुप भी हिस्सा ले सकते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, Gautam Adani नीलाम हो रही अनिल अंबानी की इस कंपनी को खरीद सकते हैं और इसके लिए बोली लगाने की तैयारी की जा रही है. इस साल 2023 की शुरुआत के साथ ही अडानी ग्रुप ने बड़ा नुकसान झेला है.
हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट के जारी होने के बाद से ग्रुप की तमाम कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी, हालांकि, अब इनमें वापसी देखने को मिल रही है और ग्रुप नई डील्स पर ध्यान दे रहा है. इसी क्रम में Adani Group अपनी प्रमुख जीवाश्म ईंधन से संहंधित प्रोजेक्ट्स के विस्तार पर फोकस कर रहा है. हालांकि, इस कंपनी के लिए बोली लगाने पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है.
मुकेश अंबानी भी ले सकते हैं एंट्री
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Anil Ambani के कोयले से चलने वाले पावर प्लांट विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (Vidarbha Industries Power Ltd) पर गौतम अडानी दांव खेल सकते हैं. ये दो प्लांट से मध्य भारत में 600 मेगावाट जनरेशन फैसिलिटीज को ऑपरेट करता है. VIPLकी प्रमोटर अनिल अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस पावर (Reliance Power) है. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अडानी को उनके इस प्लान में कड़ी टक्कर का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पावर लिमिटेड भी इस नीलामी में हिस्सा ले सकती है.
हिंडनबर्ग के असर से उबर रहा अडानी ग्रुप
गौतम अडानी (Gautam Adani) और उनका अडानी ग्रुप Hindenburg के भंवर से उबरते हुए फिर से खड़ा होने के प्रयास में लगा है. इसके तहत फंड रेज और इन्वेस्टमेंट पर पूरा फोकस किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर Adani Group ये बोली जीतने में सफल रहता है, तो उसकी कोल पावर प्रोजेक्ट्स की क्षमता और बढ़ जाएगी. गौरतलब है कि विदर्भ इंडस्ट्रीज के कर्जदाताओं ने एसबीआई कैप्स को कर्ज समाधान प्रक्रिया के संचालन के लिए सलाहकार नियुक्त किया है. इसके पहले इस कंपनी को कर्जदाताओं को 3 बोलियां मिल चुकी हैं.
कभी टॉप-10 अमीरों में शामिल थे अनिल अंबानी
अनिल अंबानी को बीते लंबे समय से बिजनेस में परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. साल 2008 में Anil Ambani अपने टेलीकॉम, पावर और एनर्जी बिजनेस की दम पर दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में छठे नंबर पर जगह बनाने में कामयाब हुए थे. लेकिन सटीक प्लानिंग न होने के कारण उन्हें फायदे की जगह भारी नुकसान झेलना पड़ा और कर्ज का बोझ बढ़ता गया. आज हालत ये हैं कि उनकी कंपनियां बिकने की कगार पर हैं. जिनमें से विदर्भ इंडस्ट्रीज भी एक है.
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