इंदौर। कोर्ट (Court) से लेकर केबिनेट (Cabinet) के फैसलों को नजर अंदाज करने की वजह से मेडिकल कॉलेज (Medical College) , टीचर डाक्टर्स (Teacher Doctors) और प्रोफेसर्स (Professors) ने आज से काली पट्टी (Black stripe) बांध कर शासन के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि हम 24 फरवरी तक लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताते रहेंगे, मगर इसके बावजूद शासन ने कोर्ट के आदेश और केबिनेट द्वारा मंजूर फैसलों पर अमल नहीं किया तो अपने अधिकारों के लिए आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए मजबूरी में उग्र आंदोलन चलाना पड़ेगा।
इस वजह से मजबूर है टीचर डाक्टर्स
उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसम्बर 2024 के अपने आदेश में 2 सप्ताह में हाई पॉवर कमिटी का गठन एवं उससे अगले 2 सप्ताह में डॉक्टर्स के मुद्गे सुलझाने का आदेश दिया था जो की आज दिनाँक तक नहीं दिया गया।
ठ्ठ मध्य प्रदेश कैबिनेट से पारित समयमान चयन वेतनमान का अभी तक कई चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है।
ठ्ठ 4 अक्टुबर 2023 में पारित आदेश सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाना ,एनपीए की गणना सातवें वेतनमान के अनुरूप करना है।
ठ्ठ एमपीपी एच सी एल द्वारा सप्लाई की गई कई दवाईया अमानक पाई गई।जिसमे कुछ दवाईया आईसीयू व ऑपरेशन थिएटर में उपयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाई भी शामिल है यह मामला उजागर होने के बाद भी। कोलकाता के आर जी कार मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना के बाद , सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने का आज तक कोई शुरुआत नहीं हुई।
ठ्ठ तकनीकी विशेषज्ञ के स्थान पर नए आदेश कर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से प्रदेश की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था अधर में जा चुकी है।
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