भोपाल। राजधानी की शाहजहांनाबाद इलाका स्थित बाचपेयी नगर मल्टी के युवक की सटोरियों द्वारा निर्मम हत्या किए जाने के बाद क्षेत्र के लोग आक्रोशित हैं। लोगों का लगातार पुलिस पर गुस्सा फूट रहा है। कल हमीदिया कैंपस से लेकर मल्टी बाचपेयी नगर तक लोगों ने पुलिस पर हमला किया। लोगों ने हत्या कांड के पीछे पुलिस पर लारवाही के आरोप लगाते हुए पथ्राव किया। जिसमें एक एएसआई,एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक घायल हुए हैं। भीड़ का आरोप था कि आरोपियों को क्षेत्रीय पुलिस का संरक्षण था।
जानकारी के अनुसार आई ब्लॉक मल्टी में शुक्रवार को अजय कनाडे की हत्या के बाद में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जहां एसएएफ का जवान संतोष सोनी भी तैनात था। शनिवार तड़के सुबह तीन बजे अचानक क्षेत्रीय युवक दीपक व उसके साथियों ने पुलिस जवानों पर पथ्राव कर दिया। जिससे संतोष को चोटे आई हैं। वहीं शनिवार की दोपहर को हमीदिया मरचुरी में अजय का पोस्टमार्टम कराया जा चुका था। वहां अजय के परिजन और परिचित शव देने की मांग पर अड़ गए। जबकि पुलिस का तर्क था कि अजय कोरोना पाजिटिव है, बॉडी को सीधा भदभदा विश्राम घाट पहुंचाया जाएगा। जिससे गुस्साए लोगों ने पथ्राव कर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डीआरपी लाईन के एएसआई रामनरेश यादव तथा कोहेफिजा थाने के आरक्षक जगदीश परमार को चोटे आई हैं। तीनों मामलों में पुलिस ने अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। हालांकि अभी इन तीनों मामलों में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। वहीं 23 वर्षीय अजय कनाडे हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि अजय कनाडा मल्टी में आरोपी अजय भूरा द्वारा संचालित सट्टे के खिलाफ शिकायत कर रहा था। इसी की उसे सजा मिली है। उसे लगातार धमकियां मिल रहीं थी, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद नहीं की। वारदात के वक्त वह अपने भाइयों के साथ 12 नंबर स्टॉप अपनी बहन के यहां उसके बेटे के जन्मदिन में शामिल होने जा रहा था। इसी दौरान किसी ने बताया कि अजय को पुलिस ने बुलाया है। उसके बाद उसके साथ वारदात हो गई।
मृतक के बड़े भाई अमित कनाडे के आरोप
मृतक के बड़े भाई अमित कनाडे ने बताया कि छोटे भाई अजय पर टीटी नगर थाने में मामला दर्ज था। इसके अलावा 6 अन्य मारपीट के मामले दर्ज थे। टीटी नगर में एक किन्नर पर फ ायर हुआ था। उसके आरोपियों के साथ अजय का फ ोटो था। इसके बाद अजय को गिरफ्तार अगस्त 2019 में कर जेल भेज दिया था। वह करीब 3 महीने पहले ही जेल से छूट कर आया था। उसके जेल में होने के दौरान आरोपी अजय भूरा भी लॉकडाउन में अवैध शराब बेचने के मामले में गिरफ्तार होकर जेल गया था। उसी दौरान उसके भाई और भूरा के बीच विवाद हुआ था। अमित ने आरोप लगाए कि भूरा उसके भाई को उसके खिलाफ शिकायत करने से मना कर रहा था। जेल से आने के बाद उसने और उसके भाई ने पुलिस से कई बार भूरा के खिलाफ शिकायत की थी। लगातार धमकियां मिल रही थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। वारदात के दौरान शुक्रवार मैं अपने भाइयों के साथ घर से निकला था। हम बहन के यहां जाने वाले थे। इसी दौरान किसी ने बताया कि पुलिस ने बुलाया है। रास्ते में भूरा ने अपने साथियों के साथ हम पर हमला कर दिया था। उन्होंने फ ायर भी किए थे, लेकिन पुलिस ने इसका जिक्र नहीं किया। हमने पुलिस को मौके से खाली खोखे भी दिए थे। अमित का कहना है कि उसके भाई की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उसके बाद भी पुलिस ने उन्हें शव नहीं दिया और उनकी निगरानी में ही अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों के अलावा किसी को भी वहां जाने नहीं दिया गया।
घटना के चश्मदीद के दावे
घटना के समय प्रकाश कनाडे अजय के साथ था। उसका दावा है कि आरोपियों ने अजय को घेरते ही उसको कट्टा अड़ा दिया था। इसके बाद उसे भागने के लिए कहा गया। वह नहीं भागा आरोपियों ने उसके सामने ही दो से तीन मिनट में अजय को मौत के घाट उतार दिया। पूरी घटना के दौरान मौके पर शाहजहांनाबाद थाने का एक एसआई मौजूद था। सका दावा है कि आरोपियों ने तीन गोलियां चलाई, इसके बाद चाकू और ऑपरेशन ब्लेड से गोद डाला।
आरक्षक की गाड़ी से भूरा ने की शराब तस्करी!
वहीं सूत्रों का दावा है कि भूरा लॉक डाउन के दौरान शराब तस्करी के मामले में जेल में बंद हुआ था। खजूरी पुलिस ने उसे एक बुलेरो कार से शराब सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जिस कार में शराब मिली थी वह शाहजहांनाबाद के एक आरक्षक की कार थी। उक्त बुलेरो कार पर पुलिस लिखा था। सूत्रों का यहां तक दावा है कि आरोपी भूरा शाहजहांनाबाद थाने के एक एसआई व दो अन्य पुलिसवालों के पैसे अपने क्षेत्र में ब्याज पर चलाता था। पूर्व में उसके घर के बाहर स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था। तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भूरा को पकडऩे के बजाए लोगों को फटकार लगाई थी। जिसके बाद तत्कालीन एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद में अजय के खिलाफ शाहजहांनाबाद पुलिस ने 151 की मामूली कार्रवाई कर छोड़ दिया था। हालांकि पुलिस के अधिकारियों ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
भदभदा विश्राम घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
पुलिस ने अजय के परिजनों को उसका शव घर ले जाने से मना कर दिया। इसको लेकर हमीदिया अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। काफ ी कोशिशों के बाद भी जब परिजनों को शव नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस की बात मान ली। इसके बाद पुलिस ने भदभदा विश्राम घाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच अजय का अंतिम संस्कार कराया। इसमें सिर्फ परिजनों को ही शामिल होने दिया गया।
इनका कहना है
विवाद का कारण पुरानी रंजिश है। आरोपी भूरा और मृतक अजय के बीच जेल से रंजिश चली आ रही है। दोनों आदतन अपराधी थे। अजय के खिलाफ विभिन्न थानों में सात अपराध दर्ज हैं। जबकि आरोपी भूरा के खिलाफ 18 प्रकरण दर्ज हैं। भूरा सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन अन्य की तलाश की जा रही है।
राम स्नेही मिश्रा, एएसपी, जोन-3
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