भोपाल। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल में निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों में जबरदस्त गुस्सा है। निजीकरण के खिलाफ आज विद्युत कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी यूनियन ने सुबह 11 से 5 बजे तक कार्यालय पर तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। यूनियन का कहना है कि विद्युत मंडल के प्रस्तावित निजीकरण से 60 हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों का विरोध और समस्याओं का निराकरण की मांग को लेकर बिजली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देश भर में बिजली कर्मचारियों ने आज कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिकल एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स के द्वारा कार्य बहिष्कार के आह्वान को मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर्स ने पुरजोर समर्थन दिया है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के बैनर तले संपूर्ण मध्यप्रदेश में भी कार्य बहिष्कार किया जा रहा है।
प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं पर असर
उपभोक्ता निरंजन वाधवानी का कहना है कि यदि बिजली कंपनियों का निजीकरण किया जाता है तो प्रदेश के 1 करोड़ 50 लाख उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। इन्हें मिलने वाली सब्सिडी खटाई में पड़ सकती है। निजी कंपनियां घाटा बताकर आसानी से बिजली के दाम बढ़ा सकती हैं। उपभोक्ताओं के खिलाफ कानूनी मुकदमों की संख्या बढ़ सकती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved