नई दिल्ली। प्याज की लगातार गिरती कीमतों से निराश किसानों ने मंडी में प्याज की बिक्री रोक दी है। महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पादन बाजार समिति में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी रोकने का फैसला किया है। बता दें कि एशिया के बसे बड़े प्याज बाजार लासलगांव एपीएमसी में प्याज की कीमतें हाल के दिनों में दो से चार रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं हैं। इससे प्याज उत्पादकों में नाराजगी बढ़ी है।
प्याज उत्पादक किसानों के एक प्रतिनिधि ने बताया कि सरकार को तत्काल किसानों के लिए प्रति क्विंटल 1500 रुपये का मुआवजा जारी करना चाहिए और उनके उत्पादों को 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खरीदना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वे लासलगांव एचपीएमसी में ऑक्शन जारी नहीं होने देंगे। बता दें कि प्याज का एशिया का यह सबसे बड़ा बाजार महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है।
सोमवार को जब लासलगांव मंडी खुली तो प्याज की न्यूनतम कीमतें 200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं। इस दौरान प्याज का अधिकतम मूल्य 800 रुपये प्रति क्विंटल और औसत मूल्य 400 से 450 रुपये क्विंटल रहा। प्याज इन ताजा कीमतों से उत्पादकों में रोष बढ़ा। नाराज किसानों ने महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेतृत्व में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मंडी में ब्याज की नीलामी रोक दी।
प्याज उत्पादकों ने सरकार से 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा की मांग की
बता दें कि इससे पहले बीते शनिवार को एपीएमसी में 2404 क्विंटल प्याज बिक्री के लिए पहुंचा था। तब प्याज का न्यूनतम भाव 351 रुपये प्रति क्विंटल रहा था। जबकि अधिकतम कीमत 1231 रुपये प्रति क्विंटल रही थी। शनिवार के दिन प्याज का औसत भाव 625 रुपये प्रति क्विंटल रहा था।
महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेता भरत दिघोले ने कहा, विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान सरकार को तत्काल प्रभाव से प्याज किसानों के लिए 1500 रुपये प्रति क्विंटल का मुआवजा घोषित करना चाहिए प्याज की खरीदारी करनी चाहिए। तीन से चार रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहे प्याज को किसानों को राहत देने के लिए 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खरीदा जाना चाहिए।
अगर आज ये मांग पूरी नहीं होती है तो एपीएमसी में प्याज की नीलामी किसी भी हालत में शुरू नहीं होगी। वहीं, एपीएमसी के सूत्रों के अनुसार इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारी बैठक कर रहे हैं। उनका कहना है नाराज प्याज उत्पादकों से बातचीत के बाद ऑक्शन की शुरूआत हो सकती है।
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