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    आंगनवाड़ी की महिलाओं को नहीं करनी होगी चुनाव ड्यूटी

  • March 29, 2024

    • प्रशासन कर रहा तैयारी ,193 मतदान केंद्र बढ़ेंगे, जरूरत पडऩे पर स्पेशल पुलिस बनाया जा सकता है

    इंदौर। इस बार लोकसभा चुनाव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्रों की चुनावी ड्यूटियों से दूर रखा गया है। इंदौर जिले में 2000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाइजर हैं, जिन्हें हर बार मतदान केंद्रों पर चुनाव कराने के लिए पहुंचाया जाता रहा है। हालांकि 193 केंद्र बढऩे के बाद स्पेशल पुलिस बल में शामिल भी किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की 1839 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस बार चुनावी ड्यूटी से मुक्त रखी जाएंगी। बच्चों के भविष्य और आंगनवाड़ी के कामों को लेकर आ रही दिक्कतों के बाद यह निर्णय लिया गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने 193 बूथ बढ़ाने के बाद आवश्यकता पडऩे पर इन्हें स्पेशल पुलिस बल के रूप में तैनात किए जाने की भी प्लानिंग कर रखी है। लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद है। लगभग 12000 से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान केंद्रों, सेक्टर अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, एसएसटी, वीएसटी आदि कार्यों में लगाई जानी है, जिसके लिए कर्मचारियों की सूची तय की जा चुकी है। ऐसे मतदान केंद्र जहां 1500 से ज्यादा मतदाता हैं, उन स्थानों पर मतदान केंद्र बढ़ाने की तैयारी की गई है। यदि 193 केंद्र बनाए जाते हैं तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी स्पेशल पुलिस वालों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

    200 केंद्रों पर 1500 मतदाता
    इंदौर चुनाव कार्यालय ने कुल 2486 मतदान केंद्र बनाए हैं, जिसमें करीब 200 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनमें 1500 से अधिक मतदाता हैं, साथ ही कुछ ऐसे केंद्र भी हैं, जहां 300 से कम मतदाता हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने उन मतदान केंद्रों पर दबाव कम करने के लिए 193 सहायक मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया है। रिकॉर्ड के अनुसार, चुनाव कार्यालय ने कुल 2486 मतदान केंद्र बनाए हैं, जिनमें इंदौर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में 2226 मतदान केंद्र और पड़ोसी धार लोकसभा सीट का हिस्सा डॉ. अंबेडकर नगर (महू) के शेष 260 मतदान केंद्र शामिल हैं।


    दबाव करेंगे कम
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम सीमा 1500 निर्धारित की है। एडीएम राजेंद्र सिंह रघुवंशी के अनुसार हमने उन मतदान केंद्रों पर दबाव कम करने के लिए कुल 193 सहायक मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया है, जहां पंजीकृत मतदाताओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि चुनाव संबंधी सभी तैयारियां ईसीआई के निर्देशों और मार्गदर्शन के अनुसार की जा रही हैं।

    इंदौर पांच में सबसे ज्यादा मतदाता, 50 केंद्र बढ़ेंगे
    इंदौर-पांच विधानसभा सीट, जो सबसे अधिक मतदाताओं की संख्या के मामले में राज्य का सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है, 4.17लाख मतदाताओं पर यहां सबसे अधिक 341 मतदान केंद्र हैंं, जबकि वहां 50 सहायक मतदान केंद्र भी प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार, जिले के शेष आठ विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में सबसे कम मतदाता संख्या यानि 1.87 लाख वाली इंदौर-3 विधानसभा सीट पर भी सबसे कम 193 मतदान केन्द्र हैं, वहां एक सहायक मतदान केन्द्र प्रस्तावित है। इन सभी मतदान केन्द्रों को वहां पंजीकृत मतदाताओं की संख्या के आधार पर सात श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें तीन मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जहां 300 से कम मतदाता पंजीकृत हैं, जबकि कुल 1122 मतदान केन्द्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 301-1100 है। इसी प्रकार, कुल 329 मतदान केन्द्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1101-1200 है। 300 मतदान केन्द्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1201-1300 है, 278 मतदान केन्द्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1301-1400 है, 272 मतदान केन्द्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1401-1500 है। इसके अलावा, कुल 197 मतदान केंद्र हैं, जिनमें प्रत्येक केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।

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