ईस्ट गोदावरी। भारत समेत वैश्विक स्तर पर कोरोना का डर (corona fear) इस तरह हावी है कि आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में एक पड़ोसी की कोविड-19 से मौत के बाद एक परिवार के तीन लोगों (three people in a family) ने तकरीबन 15 महीने के लिए खुद को एक छोटे तंबूनुमा घर में बंद कर लिया था। लेकिन रिश्तेदारों द्वारा तबीयत खराब होने की सूचना के बाद बुधवार को मौके पर पहुंचकर आंध्र प्रदेश की पुलिस ने परिवार के तीनों लोगों को बचा लिया।
तीनों लोगों की दयनीय हालत देख पुलिस ने उन्हें तुरंत एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां तीनों लोगों का इलाज चल रहा है।
मामले की तज्बीज के बाद राजोले उपनिरीक्षक कृष्णमाचारी और उनकी टीम ने पाया कि चुट्टुगल्ला बेनी के घर के बगल में एक पड़ोसी की मौत कोविड-19 की वजह से हो गई थी। इसके बाद बेनी का परिवार कोरोना से इतना डर गया था कि उन्होंने करीब 15 महीने के लिए खुद को एक घर में बंद कर लिया था।
मामला तब सामने आया जब एक गांव का स्वयंसेवक एक सरकारी योजना के तहत उनके लिए आवास की अनुमति देने के लिए अपने अंगूठे का निशान लेने गया। स्वयंसेवक ने मामले की जानकारी गांव के सरपंच व अन्य को दी।
पुलिस ने बताया कि कदली गांव के सरपंच चोपला गुरुनाथ के अनुसार, 50 वर्षीय रूथम्मा, 32 वर्षीय कंथमणि और 30 वर्षीय रानी 30 ने लगभग 15 महीने पहले खुद को बंद कर लिया था, जब उनके एक पड़ोसी की कोरोना से मृत्यु हो गई थी।
गुरुनाथ ने कहा, ‘चुट्टुगल्ला बेनी का परिवार, उनकी पत्नी और दो बच्चे, यहां रह रहे हैं। वे कोरोना से डरे हुए थे और करीब 15 महीने से खुद को घर में कैदकर अंदर से बंद कर लिया। कोई भी स्वयंसेवक या आशा कार्यकर्ता जो उस घर जाता था वह लौट जाता था क्योंकि कोई जवाब नहीं दे रहा था।
हाल ही में उनके कुछ रिश्तेदारों ने बताया कि उस घर में तीन लोग बंद हैं और उनकी तबीयत खराब है। हमने इसकी सूचना पुलिस को दी। उपनिरीक्षक कृष्णमाचारी और उनकी टीम ने यहां आकर उन्हें बचाया। बेनी के परिवार के तीनों सदस्यों का इलाज यहां के एक सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
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