अमरावती । आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने तेलुगुदेशम पार्टी (TDP) के पूर्व विधान पार्षद (Ex MLC) अदिरेड्डी अप्पा राव (Adireddy Appa Rao) और उनके बेटे (His Son) तथा टीडीपी के प्रांतीय कार्यकारी सचिव (TDP Provincial Executive Secretary) अदिरेड्डी श्रीनिवास राव (Adireddy Srinivasa Rao) को चिटफंड मामले में (In Chitfund Case) बुधवार को जमानत दे दी (Granted Bail) । उन्हें आंध्र प्रदेश के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की थी और उच्च न्यायालय ने दो दिन पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी।
टीडीपी राजमुंदरी विधायक अदिरेड्डी भवानी के पति अप्पा राव और उनके बेटे श्रीनिवास राव, जगज्जननी चिट फंड्स प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक हैं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान टीडीपी नेताओं के वकील ने दलील दी कि मामले में डिपॉजिटर्स एक्ट लागू नहीं होता। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जमाकर्ताओं की ओर से किसी शिकायत के बिना ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता श्रीराम ने अदालत को बताया कि अभियुक्तों ने जमाकर्ताओं के पैसे का इस्तेमाल दूसरे कार्यो के लिए किया। मुख्य विपक्षी दल टीडीपी ने गिरफ्तारियों की निंदा की थी। टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने फोन पर भवानी से बात की और उनके साथ एकजुटता व्यक्त की। नायडू ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सत्ताधारी दल के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है।
टीडीपी अध्यक्ष ने कहा था कि वाईएसआरसीपी सरकार केवल अवैध मामलों और अवैध गिरफ्तारियों में विश्वास करती है। अप्पा राव और श्रीनिवास राव की गिरफ्तारी वाईएसआरसीपी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति का एक और उदाहरण है। टीडीपी प्रमुख ने कहा कि कई मौकों पर अदालतों द्वारा सरकार को फटकार लगाने के बावजूद जगन सरकार ने अपने तरीके नहीं बदले हैं।
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