आंध्र प्रदेश में एक गांव के लोग दशकों से इंतजार करते रहे कि सरकारी महकमा उनके लिए सड़क निर्माण कर देगा. साल-दर-साल बीतते गए लेकिन उनके गांव में सरकार की ओर से एक सड़क नहीं बनाई जा सकी. आखिरकार गांव के लोगों ने खुद ही पहल की और चंदा जुटाकर सड़क बनाने में लग गए हैं.
सलुरु मंडल के कोडमा पंचायत इलाके के लोगों ने सड़क बनाने के लिए दो-दो हजार रुपये का चंदा इकट्ठा किया. इस तरह से इनके पास कुल 10 लाख रुपये जमा हो गए. 2,000 रुपये की राशि जुटाने के लिए गांव के कुछ लोगों को अपने गहने भी बचने पड़े.
मानसून में शहर से कट जाता है संपर्क
कोडमा में कुल 150 घर हैं और यह आंध्र प्रदेश-ओडिशा के बॉर्डर इलाके में पड़ता है. मानसून के समय इस इलाके का संपर्क शहर से टूट जाता है और यहां के लोगों का जीवन काफी मुश्किल हो जाता है. मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात में भी इनके पास कोई दूसरा चारा नहीं होता. यहां के लोगों को ट्रांसपोर्ट सुविधा के लिए 5 किलोमीटर का जंगली रास्ता चलकर तय करना पड़ता है.
आजादी के 73 सालों में इन लोगों ने कई नेताओं को चुनकर संसद और विधानसभा भेजा है. बावजूद इसके आज तक इनके गांव में एक सड़क नहीं बन सकी. सड़क के अलावा भी यहां पर कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. लेकिन अब गांव के लोगों ने ‘आर्मनिर्भर’ होने का रास्ता चुन लिया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved