अमरावती। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी (CM YS Jagan Mohan Reddy) ने केंद्र (Center) से राज्य को 1,000 करोड़ रुपये (Rs 1,000 crore) की अंतरिम राहत (Interim relief) देने की मांग की (Seeks) और बाढ़ प्रभावित जिलों में नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम नियुक्त करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्रीय अनुदान की मांग की है। उन्होंने केंद्र से संकट की इस घड़ी में राज्य के बचाव में आने और प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत प्रदान करने और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत और सामान्य स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द से जल्द एक अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीम की नियुक्ति करने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान और बुनियादी ढांचे के नुकसान का अनुमान 6,054.29 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि 13 से 20 नवंबर के दौरान बंगाल की खाड़ी में दबाव के कारण राज्य के दक्षिणी हिस्से में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। चार दक्षिण तटीय जिलों और चार रायलसीमा जिलों में इस अवधि के दौरान 11.1 सेमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य वर्षा 3.2 सेमी थी।मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरुपति, तिरुमाला, नेल्लोर शहर, मदनपल्ली, राजमपेट शहर आदि मंदिरों में भारी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ का पानी इतना अधिक था कि एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की 17 टीमों और दो हेलीकॉप्टरों को खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया था।
तलाशी एवं बचाव अभियान में लगे एसडीआरएफ के एक सिपाही सहित 40 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य के लापता होने की खबर है। 196 मंडलों और चार कस्बों के लगभग 1,402 गांव प्रभावित हुए। रेड्डी ने लिखा कि लगभग 69,616 लोगों को समायोजित करते हुए कुल 324 राहत शिविर खोले गए हैं।
कडप्पा, चित्तूर, अनंतपुर और नेल्लोर जिले में कई स्थानों पर कई राजमार्ग, सिंचाई टैंक और नहर टूट गए और क्षतिग्रस्त हो गए। भारी बारिश ने जिलों में कहर बरपा रखा है और हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ, क्योंकि जो फसल कटाई के लिए तैयार थी, वह बर्बाद हो गई।
1.43 लाख हेक्टेयर की सीमा में धान, बंगाल चना, कपास, काला चना, मूंगफली, सूरजमुखी, गन्ना जैसी कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा है। केला, पपीता, हल्दी, प्याज और सब्जियों जैसी बागवानी फसलों की 42,299 हेक्टेयर नुकसान हुआ है। लगभग 240.90 किमी लंबी सड़क, 59.6 किमी पाइपलाइन, 2,764 स्ट्रीट लाइट, 197.05 किमी खुली जल निकासी, 71 नगरपालिका स्कूल/ भवन/ सामुदायिक केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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