नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज मोदी सरकार (modi government) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट (Budget) पेश कर दिया. ये लगातार सातवीं बार है, जब निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने रिकॉर्ड भी (new record) बना लिया.
बजट में पूरे सालभर का लेखा-जोखा होता है. सरकार कहां से कमाएगी? कहां खर्च करेगी? कितना खर्च करेगी? इस बारे में बताया जाता है. इससे पहले फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो अंतरिम बजट पेश किया था, वो 47.65 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का था. तब उन्होंने बताया था कि इस खर्च के लिए सरकार को 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई टैक्स और दूसरी जगहों से होगी. लेकिन बाकी के खर्च के लिए सरकार उधार लेगी.
बजट पेश करने के बाद क्या?
वित्त मंत्री जब बजट पेश कर देंगी तो उसके बाद वो दो बिल और पेश करेंगी. पहला- फाइनेंस बिल यानी वित्त विधेयक होगा, जिसमें सरकार की कमाई का लेखा-जोखा होता है. और दूसरा- एप्रोप्रिएशन बिल यानी विनियोग विधेयक, जिसमें सरकार के खर्च का हिसाब-किताब होता है.
इसके बाद संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा और बहस होती है. दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ही बजट लागू होता है.
क्या हो अगर संसद में अटक जाए बजट?
वैसे तो आम बजट संसद में आसानी से पास हो जाता है, लेकिन क्या हो कि अगर ये यहां अटक जाए तो? बजट अगर संसद में पास नहीं होता है तो माना जाता है कि सरकार संकट में है. बजट का लोकसभा में पास होना जरूरी है, क्योंकि ये फाइनेंस बिल होता है. फाइनेंस बिल को राज्यसभा की मंजूरी की जरूरत नहीं है.
बजट के लिए क्या है प्रावधान?
बजट का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 112 में किया गया है. अनुच्छेद 112 कहता है कि राष्ट्रपति हर साल सरकार से संसद के दोनों सदनों में उस साल की कमाई और खर्च का ब्योरा रखवाएंगे. इसे ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ कहा जाता है.
मोरारजी देसाई ने 10 बार पेश किया था बजट
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अब तक सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है. 1962 से 1969 तक मोरारजी देसाई वित्त मंत्री थे. उनके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार और प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया है. हालांकि, निर्मला सीतारमण बजट पेश करने के साथ ही मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया. वो देश की पहली वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने लगातार सातवीं बार बजट पेश किया.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved