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24 करोड़ के भूखंड पर प्राचीन मंदिर मौजूद, ग्रामीणों ने ली आपत्ति

January 27, 2022

  • प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर की योजना 139 में बिना मैदानी हकीकत जाने जारी कर दिया टेंडर, उलझेगी भोपाल की फर्म

इंदौर। प्राधिकरण लगातार अपनी सम्पत्तियों (properties) को बेचने के लिए टेंडर जारी कर रहा है। इसी कड़ी में सुपर कॉरिडोर (super corridor) की योजना 139 प्राधिकरण ने चार भूखंडों के लिए टेंडर ऑनलाइन आमंत्रित किए, जिसमें एक भूखंड क्रमांक 33 जो कि 5400 वर्गमीटर क्षेत्रफल का है, उसके लिए लगभग 24 करोड़ रुपए की राशि का टेंडर भोपाल की ओरिएंटल यूनिवर्सिटी (Oriental University) द्वारा भरा गया है। लेकिन प्राधिकरण ने बिना मैदानी अवलोकन के इस भूखंड का टेंडर (land tender) जारी करदया, जबकि मौके पर एक प्राचीन मंदिर (ancient temple) के साथ विशाल बरगद का पेड़ है।

क्षेत्र के ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी लगी कि प्राधिकरण ने जिस जमीन का टेंडर बुलाया वहां पर उनका प्राचीन मंदिर (ancient temple) मौजूद है, तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। क्षेत्र के ग्रामीण ओम वर्मा, रामस्वरूप काठेड़, दिनेश चौधरी, मोहन शाक्य व अन्य ने अग्निबाण को बताया कि वे इस जमीन पर मौजूद प्राचीन मंदिर और वर्षों पुराने बरगद के पेड़ को हटाने नहीं देंगे और प्राधिकरण ने बिना जानकारी के इस भूखंड के टेंडर जारी कर दिए। दरअसल प्राधिकरण ने योजना 139 सुपर कॉरिडोर में शामिल 4 भूखंडों के टेंडर पिछले दिनों ऑनलाइन आमंत्रित किए। अभी 25 जनवरी इन टेंड़रों को प्रस्तुत करने और खोलने की तय की गई।


इसमें भूखंड क्र. 10, 12, 32 के अलावा भूखंड क्र. 33 भी शामिल है, जिसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। 5400 वर्गमीटर के इस भूखंड के लिए भोपाल स्थित ओरिएंटल यूनिवर्सिटी (Oriental University, Bhopal) के संचालक गौरव ठकराल ने टेंडर भरा है। 44218 रुपए स्क्वेयर मीटर की दर से भरे गए इस टेंडर के चलते इस भूखंड की कीमत लगभग 24 करोड़ रुपए की होती है, जिसके चलते 1.78 करोड़ रुपए की आरक्षित राशि के साथ भोपाल की फर्म ने टेंडर जमा किया है। इस बारे में प्राधिकरण की सम्पदा शाखा का कहना है कि ग्रामीणों की आपत्ति के मद्देनजर अगर टेंडरदाता द्वारा इस भूखंड को लेने से इनकार किया जाता है तो आरक्षित राशि वापस लौटा दी जाएगी और अगर दूसरा उच्च निविदादाता इस भूखंड को लेना चाहे तो उसकी भी प्रक्रिया की जा सकेगी।

प्राधिकरण की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले भी
25 जनवरी को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आयोजित की गई, जो कि नवागत अध्यक्ष जयपाल चांवड़ा की मौजूदगी में पहली बैठक हुई। कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल, प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय (Authority CEO Vivek Shrotriya) सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसमें 5 टीपीएस योजनाओं के लिए 1207 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति देने के अलावा योजना 97 स्थित अधूरे पड़े ऑडिटोरियम को 12 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर पूर्ण करने के अलावा योजना 94 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल के बचे हुए कार्यों के लिए भी टेंडर मंजूर किए गए। पिपल्याहाना ओवरब्रिज के नीचे बनाए चार प्ले झोन के संचारण-संधारण के लिए निजी एजेंसी को नियुक्त करने के साथ सीनियर सिटीजन बिल्डिंग निर्माण पर 15 करोड़ की राशि खर्च करने पर भी सहमति बनी।

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