इंदौर। हमारा देश विरासत की संपदा से परिपूर्ण है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हमारी सांस्कृतिक धरोहर से नई पीढ़ी को अवगत कराने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह बात मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कल टूरिज्म कॉन्क्लेव में कही। ग्वालियर और खजुराहो के बाद इंदौर में आयोजित ये हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव ‘ख्याल विरासत काÓ पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आयोजित किया।
कॉन्क्लेव में विभिन्न विषयों पर चर्चा और प्रजेंटेशन के साथ ही शाम को हेरिटज वॉक भी हुई, जिसमें कॉन्क्लेव में शामिल डेलिगेट्स ने इंदौर की विरासतों को देख उसके इतिहास के बारे में जाना। चूंकि बात विरासतों की थी, तो पुरातत्व विभाग ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल से आईं आयुक्त पुरातत्व उर्मिला शुक्ला ने बताया कि सरकार के संकल्प में हमारे प्रदेश की धरोहरों, विरासतों और संग्रहालयों के संरक्षण के साथ ही यहां ऐसी सुविधाएं देना है, जो विश्व स्तरीय हो। इसके लिए पहले चरण का काम शुरू भी हो गया है। पहले चरण में इसमें प्रदेश के 87 स्मारक और 7 संग्रहालय शामिल हैं, जहां चिन्हांकन काम शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश में कुल 503 स्मारक और 47 संग्रहालय है, जहां भी इस तरह का काम किया जाएगा। शुक्ला ने आगे बताया कि यहां पानी, शौचालय, बैठक के साथ ही ये करने के प्रयास किए जाएंगे कि आने वाले पर्यटकों को वर्चुअल टूर दिए जा सकें। यह करीब 250 करोड़ में किया जाएगा। इन्दौर का लालबाग और राजबाड़ा भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे। कार्यक्रम में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के ज्वाइंट डायरेक्टर अरुण श्रीवास्तव ने मंत्रालय की योजना स्वदेश दर्शन और प्रसाद के बारे में बताया और कहा कि विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली में होगी।
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