नई दिल्ली। भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनन्द के लिए आज का दिन काफी यादगार है। 19 वर्ष पहले आज ही के दिन यानी 13 सितंबर, 2000 को विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फ़िडे शतरंज विश्व कप जीत कर इतिहास रचा था। उन्होंने कनाडा के एवगेरी ब्रीव को हराकर खिताब जीता था।
विश्वनाथन आनंद पांच बार (2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में) विश्व चैंपियन रह चुके हैं। ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को 1998 और 1999 में प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था। आनंद को 1985 में प्राप्त अर्जुन पुरस्कार के अलावा, 1988 में पद्मश्री व 1996 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला था।
विश्वनाथन आनंद का कॅरियर बहुत तेजी से और अचानक शुरू हुआ। 14 साल की उम्र में नेशनल सब-जूनियर लेवल पर जीत के साथ शुरू हुआ उनका सफर आगे बढ़ता ही रहा। साल 1984 में 16 साल की उम्र में उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सबको चौंका दिया और उन्होंने ऐसा लगातार दो साल किया।
1987 में विश्व जूनियर चेस चैंपियनशिप जीतने वाले वह पहले भारतीय बने और साल 1988 में वह 18 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए। साल 1993 में विश्व चेस चैंपियनशिप में जगह बना कर वह क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। साल 1994-95 में उन्हें कई अहम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए चुना गया जिसमें एफआईडीई और पीसीए शामिल है। (एजेंसी, हि.स.)
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