नई दिल्ली (New Dehli)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस दिग्गज कमलनाथ (Congress veteran Kamal Nath)के भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)में शामिल होने की संभावनाएं हैं।अब अगर कमलनाथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से कुछ महीने पहले ही पाला बदलते (changing sides)हैं, तो यह स्पष्ट रूप से कांग्रेस के लिए तो झटका होगा ही। सवाल यह भी उठता है कि भाजपा को इससे क्या फायदा होगा। दरअसल, हाल ही में भाजपा ने कमलनाथ की अगुवाई वाली एमपी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हराया था।
अगर कमलनाथ कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर भाजपा का दामन थामते हैं, तो इससे भाजपा को तीन बड़े फायदे होते नजर आ रहे हैं। इनमें पहला, कांग्रेस को बड़ा आर्थिक झटका लगेगा। दूसरा, मजबूत उपस्थिति वाले राज्य में भी कांग्रेस में टूट होगी। तीसरा, भाजपा को राज्य में एक बार फिर कांग्रेस का कोई पावर सेंटर कम करने का मौका मिल जाएगा। कहा जा रहा है कि कमलनाथ कुछ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
देश में तेजी से घटते सियासी ग्राफ के साथ कांग्रेस फंडिंग की कमी का भी सामना कर रही है। वहीं, कमलनाथ को कांग्रेस के लिए फंड जुटाने वाला बड़ा सोर्स माना जाता है। इससे पहले कांग्रेस महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा को गंवाकर भी इस तरह का झटका झेल चुकी है।
एक रिपोर्ट में पार्टी के एक केंद्रीय नेता के हवाले से बताया गया है, ‘पहला, तो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की तरह उनकी एंट्री से संदेश साफ हो जाएगा कि कांग्रेस इतनी बुरी तरह से टूट रही है कि वह अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी नहीं बचा पा रही है। साथ ही इस फैसले से यह संदेश भी जाएगा कि भाजपा देश की सबसे बड़ी सियासी ताकत है, जो अपने प्रतिद्वंदी से बहुत आगे है।’
रिपोर्ट के अनुसार, एमपी भाजपा के एक नेता ने बताया कि राज्य में कांग्रेस में हमेशा तीन या चार लॉबी रही हैं। अब दिवंगत अर्जुन सिंह की विरासत लगभग कमजोर हो गई है, हिंदुत्व को लेकर बयानबाजी के चलते दिग्विजय सिंह भी हिंदुओं के बीच मजबूत छाप छोड़ने में असफल हैं। जबकि, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही भाजपा में आकर 2020 में कांग्रेस की सरकार गिरा चुके हैं। अब अगर कमलनाथ भी कांग्रेस से विदा लेते हैं, तो कांग्रेस के पास राज्य में कोई बड़ा क्षेत्रीय नेता नहीं रह जाएगा।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि नेतृत्व की तरफ से राज्यसभा का टिकट नहीं दिए जाने के चलते कमलनाथ पाला बदलने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस ने अब तक उनसे संपर्क नहीं साधा है। अब सारी बातें घूमकर यहां आ गई हैं कि कमलनाथ सक्रिय होकर राज्यसभा टिकट की कोशिश कर रहे हैं।’
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