नई दिल्ली. अमेरिका (America) में एक भारतीय (Indian) को टेलीफोन प्रोवाइडर (Telephone Provider) और इंश्योरेंस कंपनी (insurance company) से ठगी के मामले में दोषी पाया गया है. शख्स ने लाखों डॉलर (Dollar) की धोखाधड़ी की थी. 36 साल के संदीप बेंगारा ने फर्जी पहचान के जरिए इस पूरे स्कैम (Scam) को किया है. दरअसल, संदीप फर्जी दस्तावेज सबमिट करके सेल्युलर डिवाइसेस का रिप्लेसमेंट क्लेम करता था.
किस तरह से किया पूरा स्कैम?
कोर्ट डॉक्यूमेंट्स में संदीप बेंगारा के कई नाम बताए गए हैं. उसने विशाल रावल, विहान सेठ और सागर शर्मा नाम का भी इस्तेमाल किया है. जून 2013 से जून 2019 के बीच बेंगारा ने इस पूरे स्कैम को अंजाम दिया है. कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, संदीप ने यूएस मेल सिस्टम और थर्ड पार्टी कैरियर का इस्तेमाल करके सेल्युलर फोन प्रोवाइडर और इंश्योरेंस कंपनियों के साथ फ्रॉड किया है. बेंगारा अपने दो साथियों के साथ मिलकर चोरी या फिर फर्जी ID का इस्तेमाल करता था. इन आइडेंटिटी का इस्तेमाल करके वो खोए हुए, चोरी हुए और डैमेज हुए सेल फोन और दूसरे डिवाइसेस के रिप्लेसमेंट के लिए फर्जी क्लेम फाइल करता था.
साइबर फ्रॉड पर सरकार की बड़े एक्शन की तैयारी
संदीप और उसके सहयोगियों ने एक पूरा नेटवर्क तैयार किया था. इस नेटवर्क के तहत फर्जी डिवाइस रिप्लेसमेंट का क्लेम किया जाता था. इसके लिए कुछ मेलबॉक्स और स्टोरेज यूनिट्स का एक नेटवर्क तैयार किया गया था. इन साइट्स पर रिप्लेसमेंट वाला डिवाइस बेचने से पहले रखा जाता था. बाद में इस डिवाइस को अमेरिका के बाहर बेच दिया जाता था.
कितनी होगी सजा?
कोर्ट के डॉक्यूमेंट में बताया गया है कि धनंजय प्रताप सिंह और पराग भावसार पर इस मामले में आरोप नहीं लगाया गया है. संदीप ने 90 लाख डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) के सेल्युलर डिवाइसेस का फ्रॉड किया है, जिन्हें बाद में अमेरिका के बाहर बेच दिया गया है. मेल फ्रॉड के मामले में संदीप को 20 साल तक की जेल हो सकती है.
इसके अलावा उस पर 2.5 लाख डॉलर का फाइन लगाया जा सकता है. वहीं चोरी के सामान को बेचने के आरोप में उसे 5 साल की अधिकतम जेल और 2.5 लाख डॉलर का फाइन लग सकता है. संदीप बेंगारा को सजा 10 अक्टूबर 2024 को सुनाई जाएगी.
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