- उज्जैन निगम कमिश्नर की नई सोच ने दिया परिणाम-यह प्रयोग सफल रहा तो जलाशय वाला शहर होगा उज्जैन
उज्जैन। शहर एक प्राचीन शहर है और यहां कई ऐसे स्थान है जिन्हें सजाया और संवारा जाए और खुदाई की जाए तो कुछ ऐसी विरासत है जो पुन: जीवित होकर हमें भी जीवन देने का काम कर सकती है। ऐसा ही कुछ किया है उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह ने।
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के पद पर जब से रोशन कुमार सिंह पदस्थ हुए हैं वह उज्जैन के लिए कुछ नया करने में लगे हुए हैं। सुबह मॉर्निंग वॉक के समय साइकिल से सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण करना। नगर निगम में सुबह जल्दी पहुंचकर सभी कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों की उपस्थिति देखना और साथ ही उज्जैन को सफाई में नंबर वन बनाने के लिए निगम अमले के साथ उनके द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसा ही कुछ नया करने का एक अनूठा मामला देखने को मिला है जिसमें निगम कमिश्नर की नई सोचने एक बदबूदार पानी और कचरे से भरे बड़े गड्ढे ने अब प्राचीन बावड़ी का रूप ले लिया है । दरअसल उज्जैन के बंद हो चुके चामुंडा माता चौराहे के सामने इंदौर टैक्सटाइल मिल की जमीन पर शिव मंदिर के सामने सौंदर्यीकरण के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा नगर वन बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। योजना के तहत जमीन पर वन विभाग द्वारा अलग-अलग किस्म के 3 हजार पौधे लगाए जाने हैं। यहां पर नगर वन के साथ इस तरह का माहौल होगा कि लोगों को जंगल में घूमने की तरह एहसास होगा नगर वन की सड़कें भी जंगल की तरह कच्ची पक्की होंगी।
इस कार्य के लिए शुरुआत की गई और ठेकेदार द्वारा यहां काम शुरू किया गया। कार्यों के निरीक्षण के लिए नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह जब पहुंचे तो उन्होंने इस जमीन पर एक बड़ा गड्ढा देखा जो बदबूदार पानी और कचरे से भरा हुआ था पहले तो इसे बंद करने का सोचा गया। लेकिन जब लोगों से बात हुई और पता लगा कि जिस समय यहां मिल चलता था तब यहां एक बावड़ी हुआ करती थी जिसमें काफी पानी हुआ करता था। मिल में काम करने वाले श्रमिक भी इस बावड़ी के पानी को पीते थे। जब यह पता चला कि यहां बावड़ी थी,तो निगम कमिश्नर ने इस स्थान की सफाई करवा कर बदबूदार पानी बाहर निकलवाया ठेकेदार से कहकर इसके आसपास खुदाई करवाना शुरू की धीरे-धीरे काम होता गया और इस बावड़ी की सफाई और आसपास खुदाई होने के बाद एक बड़ी प्राचीन बावड़ी निकल कर सामने आई । वर्षों से जमा पुराना पानी और गाद निकलने के बाद जमीन से निकली पानी की नई आव ने मानो इस बावड़ी में वापस प्राण फूंक दिए और अब इसके अंदर से इतना कंचन और साफ पानी निकल रहा है कि काम करने वाले मजदूर यहीं का पानी पी रहे हैं। मोटर लगाकर पाइप के माध्यम से यहां होने वाले निर्माण कार्य के पानी की पूर्ति भी यही बावड़ी कर रही है। इस संबंध में उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह ने अग्निबाण को बताया कि इस स्थान पर एक प्राचीन बावड़ी होने का जब पता चला तो उसे पुन: जिंदा करने का मन बनाया और काम शुरू किया गया और सफलता मिल गई। अब इस स्थान पर सुंदर बावड़ी बनाकर आसपास सौंदर्यीकरण किया जाएगा। आपने बताया कि अगर बावड़ी में से पानी का स्रोत अधिक मात्रा में रहा तो पानी को टैंकरों के द्वारा शहर में वितरित करने का कार्य भी किया जाएगा।