उज्जैन। महाकाल की सवारी हो या आसपास की व्यवस्था सब महाकाल भरोसे ही है तथा कभी भी हादसा हो सकता है। कल सावन के चौथे सोमवार की बात करें तो सैकड़ों लोग जान जोखिम में डालकर मंदिर तक पहुँचे। मंदिर पहुँचने के लिए जो रूद्रसागर का ब्रिज बनाया जा रहा है वह अधूरा है। इस पर से कई लोग गुजरते रहे।
श्रावण माह के चौथे सोमवार को महाकाल मंदिर में चार लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए लेकिन मंदिर जल्दी पहुँचने के लिए सैकड़ों भक्तों ने ऐसा रास्ता अपना लिया था कि जो किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकता था। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में महाकाल के भक्त अपनी जान जोखिम में डालकर रूद्र सागर पर बन रहे ब्रिज से जा रहे है। इस दौरान कुछ लोग ब्रिज के लिए लगे लोहे के एंगल पर चढ़कर जान जोखिम में डालते नजर आ रहे हैं। शक्ति पथ से महाकाल लोक के मान सरोवर तक बनने वाले ब्रिज का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। निर्माणाधीन ब्रिज को बनाने के लिए लोहे, लकड़ी, मिटटी, सीमेंट का सामान भी रखा हुआ है। ब्रिज अभी पूरा बना भी नहीं है। ऐसे में सोमवार को बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु और कावड़ यात्रियों ने मंदिर जल्दी पहुँचने के लिए शार्टकट रास्ता अपनाया और रूद्र सागर के ब्रिज के नीचे और ऊपर से गुजरने लगे। एक दूसरे को देख कई भक्त ऐसा करने लगे। घटना का वीडियो सामने आया है जिसमें कई भक्त तो लोहे के लगे एंगल पर चढ़कर अपनी जोखिम में डालते हुए दिखाई दिए। इस दौरान कोई हादसा होता तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। सोमवार को महाकाल मंदिर में लगे मंदिर के सुरक्षाकर्मी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इनमें से किसी ने भी इन्हें रोका नहीं। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि हमको पता चला है कि कुछ लोगों ने ऐसा किया है। इनमे अधिकांश कावडिय़े थे। ऐसी घटना से भक्तों को चोंट लग सकती थी। अगले सोमवार को इस बात का ध्यान रखकर हम रास्ते को पूरी तरह बंद करवायेंगे। ब्रिज पर सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो।