नई दिल्ली। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) अगले दो साल में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी इस 1,500 करोड़ रुपये में एक हजार करोड़ रुपये दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र लगाने और 500 करोड़ रुपये नए उत्पादों के लिए खर्च करेगी। जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड नाम से उत्पाद बेचती है।
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने बताया कि कंपनी को वित्त वर्ष 2020-21 में 12 से 15 फीसदी राजस्व वृद्धि की उम्मीद है। सोढ़ी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में कंपनी की आमदनी 38,550 करोड़ रुपये रही थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के बावजूद में आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी की हमें उम्मीद है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी अगले 2 साल में विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र स्थापित करने पर करीब एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने कहा कि हम अपनी डेयरी प्रसंस्करण क्षमता को 380 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 420 लाख लीटर प्रतिदिन करेंगे। सोढ़ी ने कहा कि अमूल ने नए कारोबार में मिठाई का विनिर्माण शुरू किया है। इसके लिए बेकरी उत्पादों का उत्पादन भी शुरू किया गया है। सोढ़ी ने कहा कि जीसीएमएमएफ खाद्य तेल और आलू प्रसंस्करण खंड में भी उतर गई है, जिसका मकसद गुजरात और अन्य राज्यों के किसानों की आय बढ़ाना है।
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा कि खाद्य तेल का विपणन नए ब्रांड जन्मय के नाम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत मूंगफली तेल, बिनौला तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों तेल और सोयाबीन तेल का उत्पादन किया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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