भोपाल। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (University of Medical Sciences) के नियमित सहायक ग्रेड -3 (Assistant Grade-3) कर्मियों ने (AMU) में महिला उपकुलसचिव (डीआर) के पद पर पदस्थ डा. तृप्ति गुप्ता (Dr. Trupti Gupta) पर प्रताडऩा ओर नौकरी से निकालने की साजिश रचने के गंभीर आरोप लगाते हुए कुलपति डॉॅ. टी. एन. दुबे (Dr. TN Dubey) से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग करते हुए तत्काल (AMU) से हटाए जाने की भी मांग की है।
हस्ताक्षरित शिकायत में कर्मचारियों ने कहा कि वे नियमित कर्मचारियों ने के रूप में अरसे से ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। शिकायत (Complaint) में आरोप लगाया गया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College Hospital) में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ रहते हुए AMU में फुल टाईम प्रतिनियुक्ति पर आईं डॉ. तृप्ति गुप्ता (Dr. Trupti Gupta) कथित तौर पर अब भी (AMU) में पार्ट टाईमर (Part Timer) के रूप में कार्य कर रही हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया कि डॉ. गुुप्ता (Dr. Trupti Gupta) का वेतन एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor) के पद पर एनएससीबी (MNSCB) से आहरित किया जा रहा है। जो कि पूरी तरह नियम विरुद्ध है।
पूर्व में हटाई गईं थीं एमयू से
कर्मचारियो ने आरोप लगाया कि डॉ. गुप्ता द्वारा एमयू में ज्वाइनिंग करने के बाद सभी नियमित सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को बेवजह किसी कारण के निरंतर प्रताडि़त किया जा रहा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि डॉ. गुप्ता में पूर्व में अटैचमेंट के समय एमयू के कर्मचारियों द्वारा उनके कथित तौर पर गलत कार्यो में सहयोग नहीं किया गया था। शिकातय में कहा गया कि डॉ. गुप्ता के विरुद्ध परीक्षा कार्य में लापरवाही एवं गड़बड़ी के कारण कथित तौर पर पूर्व में शासन द्वारा एमयू से हटाकर एनएससीबी में पदस्थ किया गया था। इस कारण वे कर्मचारियों से कथित तौर पर द्वेष एवं दुर्भावना रखती हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि यही वजह है कि दूसरी बार पदस्थापना के बाद वे कर्मचारियों को दुर्भावनावश प्रताडि़त कर गलत कार्य करने दबाव बना रही हैं। कर्मचारियों के सहयोग न करने पर प्रताडि़त किया जा रहा है।
आउट सोर्स कर्मियों से नियम विरुद्ध कार्य
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि महिला डीआर एमयू के नियमित कर्मियों के बजाए आउट सोर्स कर्मियों से नियम विरुद्ध फाइलों एवं नोटशीट का प्रस्तुतीकरण करा रही हैं जबकि नियमानुसार आउट सोर्स कर्मी सिर्फ डाटा एंट्री, टाइपिंग कार्य के लिए हैं। शिकायत में डीआर पर आउट सोर्स कर्मियों के सामने नियमित कर्मचारियों के अपमान करने का भी आरोप लगाया। कर्मचारियों ने कहा कि इस दुव्र्यवहार से वे आहत हैं। महिला डीआर द्वारा कर्मचारियों को अपनी पहुंच का भय दिखाकर नौकरी से निकालने की भी धमकी दी जा रही है।
करा रहीं आधारहीन शिकायतें
शिकायत में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि महिला डीआर द्वारा छात्रों के माध्यम से नियमित कर्मचारियों के विरुद्ध दुर्भावनावश आधार और साक्ष्य विहीन झूठी शिकातयें कराई जा रही हैं। जिनके जरिए कर्मचारियों पर महिला डीआर द्वारा अनावश्यम दबाव बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। जिससे कर्मचारी तनाव में हैं।
एमयू की छवि कर रहीं खराब
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि महिला डीआर माईग्रेशन और प्रोविजनल प्रमाण पत्रों के लिए आने वाले विद्यार्थियों से प्रमाण पत्रों के एवज में आउट सोर्स कर्मी सचिन द्विवेदी, विपिन, देवेंद्र सिंह और रश्मि सूर्यवंशी के माध्यम से कथित तौर पर अवैध पैसे लेकर भेजती हैं। जिससे एमयू की छवि खराब हो रही हैं। पदस्थापना के बाद से ही महिला डीआर ने अपने कक्ष में नितिन गुप्ता नामक व्यक्ति को कार्यालय में न सिर्फ बैठता है बल्कि गोपनीय शाखा, स्ट्रांग रूम और कम्प्युटर कक्ष के साथ कुलसचिव में भी इसका आना जाना है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यह व्यक्ति एमयू में दलाली का कार्य करता है। महिला डीआर इसी व्यक्ति के माध्यम से कर्मचारियों को दिशा निर्देश देतीं हैं। न मानने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
पति से लगवा रहीं फर्जी आरटीआई
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि महिला डीआर अपन एनएससीबी में पदस्थ पति डॉ. अशोक साहू के जरिए आरटीआई कार्यकर्ताओं के जरिए कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी आरटीआई आवेदनों के साथ सीएम हैल्पलाईन में झूठी शिकायतें भी की जा रही हैं। यही नहीं महिला डीआर द्वारा कोरोनाकाल में भी दो वेतनवृद्धि रोकने के आदेश जारी किए गए। अपने लंबित वेतन का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र करने के साथ ही कर्मचारियों ने कथित तौर पर नियमविरुद्ध कार्य कर रहीं महिला डीआर डॉ. तृप्ति गुप्ता के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एमयू से तत्काल हटाए जाने की मांग की है। शिकायत में यह भी कहा गया कि महिला डीआर शासन के आदेश के अनुसार फुलटाइमर हैं, इनका वेतन एमयू से ही निकालने हेतु उनकी एलपीसी एनएससीबी से तत्काल प्राप्त की जाए तथा इनका वेतन एनएससीबी से एमयू में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने पर नियम विरुद्ध कैसे निकाला जा रहा है इस संबंध में एनएससीबी से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए।
वेतन में डाल रहीं व्यवधान
शिकायत में महिला डीआर पर कोरोनाकाल में कर्मचारियों के वेतन भुगतान में अडग़ा डालने का भी आरोप है। कर्मचारियों का आरोप है कि महिला डीआर स्वयं एनएससीबी से वेतन आहरित कर रही हैं। यही नहीं कलेक्टर के आदेश के बाद लॉकडाउन में कार्यालय बंद होने पर नियमित कर्मी तो वर्क फ्रॉम होम और अत्यावश्यक परिस्थितियों में कार्यालय आकर कार्य कर रहे थे लेकिन आउट सोर्स कर्मियों की अत्य अल्प उपस्थिति के बावजूद महिला डीआर ने कथित तौर पर यूडीसी कंपनी से साठगांठ कर गलत तरीके से उपस्थिति दर्ज कराते हुए बिना कटौती पूरा भुगतान कराया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सभी कर्मचारियों के परिवार में कोई न कोई सदस्य कोरोना की बीमारी से जूझ रहा है। उपचार में खर्च भी आ रहा है इसके बावजूद वेतन भुगतान न होने से उन्हें संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। कोरोना संकट काल में भी महिला डीआर द्वारा दुर्भावनावश नियमित कर्मचारियों के वेतन भुगतान की नस्ती में उपस्थिति प्रमाणीकरण की शर्त रखी जबकि अधिकारियों का वेतन भुगतान बिना उपस्थिति प्रमाणीकरण के हुआ। जबकि शासन के नियमाुनसार कार्यालय में 10 फीसदी उपस्थिति के आदेश को ध्यान में रख नियमित कर्मी कार्य कर रहे हैं।
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