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    अमरोहा लोकसभा सीट कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती, 28 साल से सपा भी नहीं खोल पाई खाता

  • February 24, 2024

    अमरोहा (Amroha) । समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से सियासी दोस्ती को अमलीजामा पहनाने और अमरोहा लोकसभा सीट (Amroha Lok Sabha seat) को खुद के खाते में रखने में कामयाब रही कांग्रेस (Congress) के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि क्या वह इस जिले में पार्टी के लिए पिछले 40 साल से बंजर साबित हो रही सियासी जमीन पर वोटों की फसल लहलहा पाएगी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है कि भाई-बहन मिलकर कांग्रेस का पुराना वोट बैंक फिर पार्टी के साथ जोड़ पाएं। सपा गठबंधन के ऐलान के बाद राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा का रुख भी कांग्रेस थिंक टैंक ने अमरोहा की तरफ कर दिया है। इस सीट को खास तवज्जो देते हुए राहुल ही नहीं बहन प्रियंका गांधी भी उनके साथ लोगों से शनिवार को हाथ का साथ मांगेंगी।

    सियासी जानकारों की नजर इस पर है कि बहन-भाई (प्रियंका-राहुल) की जोड़ी सियासी पिच पर कितनी बेहतरीन बैटिंग और बॉलिंग कर पाएगी। कांग्रेस के पुराने गौरव को जिले में वापस लाने में वह कामयाब रहेंगे या नहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की इस सीट पर जमानत तक जब्त हो गई थी। अमरोहा में कमजोर कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती यह भी है कि उसकी सियासी दोस्त सपा भी पिछले 28 साल से अमरोहा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है। साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों से यह सीट एक बार ही सपा के पाले में गई। ऐसे माहौल में कांग्रेस के लिए यह सीट किसी चुनौती से कम तो बिल्कुल नहीं होगी।


    कभी कांग्रेस का गढ़ था अमरोहा, विपक्षी दलों के टिक जाते थे घुटने
    राजनीति में कभी भी सब कुछ स्थायी नहीं होता है। सत्ता पर काबिज होने के लिए चली जाने वाली शतरंजी चालों से वक्त और हालात दोनों बदलते रहते हैं। साहित्यकारों की धरती कहे जाने वाले अमरोहा में कांग्रेस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। देश की आजादी के बाद अमरोहा कई साल तक कांग्रेस का गढ़ रहा। उस वक्त कार्यकर्ताओं की भारी-भरकम फौज के सामने कमोबेश हर चुनाव में विपक्षी पार्टियां कांग्रेस के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो जाया करती थीं।

    देश की आजादी के बाद अमरोहा लोकसभा सीट साल 1952 में अपने वजूद में आई और फिर इसके बाद 1971 तक सीधे मुकाबले में इस सीट पर तीन बार कांग्रेस और दो बार सीपीआई का कब्जा रहा। इसी बीच में एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत दर्ज की, लेकिन 1971 के बाद से अमरोहा में लगातार खिसकती रही कांग्रेस की सियासी जमीन को साल 1984 में सिर्फ रामपाल सिंह ने ही जीत दर्ज कर उभरने का मौका दिया। हालांकि बावजूद इसके आगे चलकर अमरोहा में कांग्रेस के लिए सियासी हालात फिर कभी साजगार नहीं हो सके। इस चुनाव के बाद अमरोहा की सियासी जमीन पर खड़ा कांग्रेस का किला हर चुनाव में थोड़ा-थोड़ा दरककर जमींदोज होने की दहलीज तक आ पहुंचा है।

    सांसद दानिश अली को क्या नया सियासी घर दे पाएगी यात्रा
    संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के निशाने पर आकर सुर्खियों के साथ चर्चाओं में आए सांसद दानिश अली को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावाती की खामोशी से उसी वक्त तस्वीर साफ हो गई थी कि अब उनका अगला सियासी घर कांग्रेस में होगा। इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी का खुद उनके घर पहुंचकर मुलाकात करना और फिर दोनों के गले मिलते हुए सोशल मीडिया पर वायरल फोटो ने इन कयासों को और ज्यादा हवा दे दी। बसपा से निष्कासित होने के बाद दानिश अली का राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करना भी उस वक्त सियासी जानकारों की नजर में कांग्रेस से दूसरी पारी शुरू करने की ओर इशारा था। इसके बाद गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा का अपने संसदीय क्षेत्र में स्वागत करने को लेकर एक्स पर की गई उनकी पोस्ट ने अमरोहा के सियासी गलियारों में नई बहस शुरू कर दी।

    बहरहाल, चर्चा यहां तक है कि सपा के साथ सीटों की डील में कांग्रेस आलाकमान मुरादाबाद और अमरोहा सीट पर दानिश अली की वजह से ही अड़ा था, लेकिन सपा ने मुरादाबाद सीट छोड़ने से इनकार कर दिया। कांग्रेस की पहली पसंद मुरादाबाद लोकसभा सीट ही थी, लेकिन फिर ऐन वक्त पर मिले अंजान इशारे के बाद दोनों दलों के बीच अमरोहा लोकसभा सीट पर करार पक्का हो गया। चर्चा है कि कांग्रेस की ओर से न्याय यात्रा में प्रत्याशी की घोषणा भी हो सकती है।

    अमरोहा आज 12 बजे पहुंचेगी न्याय यात्रा, गांधी मूर्ति पर होगी जनसभा
    मुरादाबाद से शनिवार को शुरू होने वाली राहुल-प्रियंका की भारत जोड़ो न्याय यात्रा दोपहर करीब 12 बजे वाया पाकबड़ा अमरोहा जिले में आएगी। शहर अध्यक्ष फैज आलम राईनी के मुताबिक यात्रा का पाकबड़ा-कैलसा रोड स्थित गांव पांयती कलां, कैलसा चौराहा, तेलीपुरा, नायाब अब्बासी डिग्र्री कॉलेज पर पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया जाएगा। शहर में बाकायदा यात्रा की शुरुआत बाईपास स्थित संत रविदास चौक से होगी। यहां से चलकर आंबेडकर पार्क, आजाद रोड स्थित आईएम इंटर कालेज, शहनाई उत्सव मंडप पर भी कार्यकर्ता यात्रा का स्वागत करेंगे। गांधी मूर्ति चौराहे पर राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करेंगे। यहां के बाद टीपीनगर और बंबूगढ़ चौराहे के अलावा जोया में भी स्वागत होगा। संभल मार्ग स्थित डब्ल्यूटीएम डिग्री कालेज में जलपान के बाद यात्रा संभल जिले के लिए रवाना हो जाएगी।

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