इंदौर। मप्र सरकार ने इंदौर स्थित अपनी तीन संपत्तियों के लिए खरीदार ढूंढ लिए हैं। खरीदार सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (पीएएम) पोर्टल पर बिक्री के लिए डाली गई सप्पतियों के मुंहमांगे दाम देने को तैयार हैं। जमीनों की बोली 10 गुना कीमत पर लगाई है।
बरसों से खाली पड़ी सरकारी जमीनें सोना उगल रही हैं। अब तक कचरे के ढेर, अवैधानिक कब्जे झेल रही यह जमीनें न केवल अब शासन को अच्छा प्रतिसाद दिलाएंगी, बल्कि प्रशासन को भी 25 प्रतिशत विकास के लिए मिलेगा।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक पीएएम पोर्टल पर बिक्री के लिए सूचीबद्ध तीन जमीनों के खरीदार मिल गए हैं। एडीएम पवन जैन ने कहा, अमितेष नगर में करीब 5,000 फीट जमीन को पीएएम पोर्टल के माध्यम से करीब 3.5 करोड़ रुपए की उच्चतम बोली में बेचा गया है। उन्होंने बताया कि निपानिया में स्थित दो संपत्तियों- लगभग 10,000 वर्गफीट और लगभग 11,000 वर्गफीट भूमि को क्रमश: 9 करोड़ और 11 करोड़ रुपए में बेचने का भी प्रस्ताव मिला है। इस पर सूचीबद्ध संपत्तियों के लिए पीएएम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त बोलियों का प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
तुरंत 25 प्रतिशत रकम जमा कराना होगी
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद खरीदारों को संपत्ति खरीदने के समय 25 फीसदी और अगले तीन महीनों में शेष 75 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार इंदौर की तीन सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों सहित गाडराखेड़ी स्थित लगभग 8 एकड़, पटनीपुरा स्क्वेयर के पास स्थित लगभग 3 लाख वर्गफीट भूमि और पीपल्याहाना स्थित लगभग एक एकड़ भूमि से लगभग 350 करोड़ रु. आय होने की उम्मीद है। इन जमीनों पर प्रशासन ने लगभग 70 दुकानों को अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया है। जल्द ही इन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि राज्य सरकार संपत्तियों की बिक्री से होने वाले राजस्व का 25 प्रतिशत एमपी लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल के माध्यम से शहर के विकास के लिए देगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved