नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस के खिलाफ सावधानियों को लेकर अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून हटाने की मांग वाली जनहित याचिका वापस लेने की इजाज़त दी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि कॉलर ट्यून बदल दी गई है, इसीलिए उनकी मांग पर सुनवाई का अब कोई आधार नहीं बचा।
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता राकेश ने दायर किया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील एके दुबे और पवन कुमार ने इस कॉलर ट्यून के लिए अमिताभ बच्चन की आवाज को चुनने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि कॉलर ट्यून के लिए चयन करते समय उन असली कोरोना वारियर्स का ध्यान नहीं रखा गया, जो आज संकट की घड़ी में अपनी जान की परवाह किए बिना काम कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया था कि कई सारे कोरोना वारियर्स ने गरीबों और जरूरतमंद लोगों को मदद करने के लिए अपनी पूरे जीवन की कमाई लगा दी। वे देश को अमूल्य सेवा दे रहे हैं। ये कोरोना वारियर्स गरीबों और आश्रयहीन लोगों को भोजन, कपड़े इत्यादि मुहैया करा रहे हैं। याचिका में कहा गया था कि अमिताभ बच्चन का इतिहास साफ-सुथरा नहीं रहा है और उन्होंने कई नियमों का उल्लंघन किया है। अमिताभ बच्चन किसी सामाजिक कार्यकर्ता की तरह देश की सेवा भी नहीं कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने इस बाबत केंद्र सरकार को 24 नवंबर, 2020 को प्रतिवेदन भी दिया था, लेकिन इसका न तो कोई उत्तर दिया गया और न ही समाधान किया गया। याचिका में कहा गया था कि कॉलर ट्यून के लिए अपनी आवाज देने के लिए अमिताभ बच्चन ने पैसे लिये हैं, ऐसे में उनका यह काम समाज सेवा नहीं कहा जा सकता है।
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