बारामूला: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने जम्मू कश्मीर के अपने तीन दिन के दौरे के आखिरी दिन बारामूला (Baramulla) में जनसभा को संबोधित किया. लेकिन इन सभी के बीच चर्चा का विषय बन गया है अमित शाह के आदेश के बाद बुलेट प्रूफ ग्लास (bullet proof glass) को हटाया जाना. दरअसल, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister of State Jitendra Singh) ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमे मंच पर मौजूद अधिकारी बुलेट प्रूफ ग्लास को हटा रहे हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में साफ- साफ दिख रहा है कि मंच पर रखे गिए पोडियम के सामने सुरक्षा के रूप में एक बुलेट प्रूफ ग्लास रखा गया है. लेकिन अमित शाह के मंच पर आने से पहले ही अधिकारियों ने उस बुलेट प्रूफ ग्लास को हटा दिया. केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, बारामूला में सभा को संबोधित करने से ठीक पहले गृह मंत्री अमित शाह ने अपना बुलेट प्रूफ शीशा हटा दिया था. इसके बाद उन्होंने मंच से विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा.
मंच से अमित शाह ने ‘गुप्कर गठबंधन’ पर आरोप लगाते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती द्वारा गठित जम्मू-कश्मीर में छह क्षेत्रीय दलों के बीच एक राजनीतिक गठबंधन है, जो जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा बहाल करना चाहता है. वे पाकिस्तानी के लिए “लाल कालीन बिछाना” चाहते हैं. उन्होंने कहा कि “गुप्कर मॉडल” ने क्षेत्र के युवाओं को पत्थर, बंद कॉलेज और मशीनगन हाथ में लेकर दिया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉडल ने उन्हें शिक्षा दी है.
शाह ने कहा कि आपके सामने “दो मॉडल हैं. पीएम मोदी का मॉडल रोजगार, शांति और भाईचारा देने का बात कहता है, जबकि दूसरा गुप्कर मॉडल है जिसके कारण पुलवामा हमला हुआ. पीएम मोदी ने 2,000 करोड़ रुपये की लागत से पुलवामा में एक अस्पताल बनाया. गुप्कर मॉडल देश में पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए रेड कार्पेट बिछा रहा है, जबकि मोदी मॉडल युवाओं को रोजगार देने के लिए 56,000 करोड़ रुपये का निवेश लागू कर रहा है.
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