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    Amit Shah’s Birthday : अमित शाह का राजनीति में शहंशाह बनने तक का सफर

    October 18, 2023

    Amit Shah Birthday: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का 22 अक्‍टूबर को 59वां जन्मदिन है। शतरंज खेलने, क्रिकेट देखने एवं संगीत में गहरी रुचि रखने वाले भाजपा के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह (Amit Shah) ने ‘पंचायत से लेकर संसद’ तक भाजपा (BJP) को सत्ता में लाने के सपने को साकार करने की दिशा में काम किया। जुलाई 2014 में भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद भाजपा के विस्तार के लिये उन्होंने पूरे देश का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जी-जान से जुट जाने का संदेश दिया।

    शाह ने पहली बार 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का चुनाव प्रबंधन संभाला था। लेकिन, उनके बूथ प्रबंधन का करिश्मा 1995 के उपचुनाव में नजर आया, जब साबरमती विधानसभा सीट पर तत्कालीन उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे अधिवक्ता यतिन ओझा का चुनाव प्रबंधन उन्हें सौंपा गया। खुद यतिन का कहना है कि शाह को राजनीति के सिवा और कुछ नहीं दिखता।



    कब हुआ जन्म
    अमित शाह (Amit Shah) का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के संपन्न गुजराती परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह और माता का नाम कुसुमबेन शाह है। उनकी पत्नी सोनल शाह हैं और बेटे का नाम जय शाह है। जय इस समय बीसीसीआई के सचिव हैं। भाजपा से जुड़ने से पहले शाह ने स्टाक ब्रोकर का भी काम किया है। आज शाह को राजनीति जगत का चाणक्य कहा जाता है। उनकी रणनीति को बीजेपी अपनी जीत की गारंटी मानती है। जब से उन्हें बीजेपी ने अहम जिम्मेदारी दी है, तभी से पार्टी को निरंतर जीत हासिल हुई है।

    कैसे हुई मोदी से मुलाकात और राजनीति की शुरुआत
    अमित शाह (Amit Shah) के परिवार का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन शाह आज राजनीतिक बुलंदियों पर खड़े हैं। दरअसल शाह ने 16 साल की उम्र से ही आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था।

    कहा जाता है कि साल 1982 के आस-पास शाह (Amit Shah) की अहमदाबाद की नारणपुरा शाखा में ही नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी। ये वो दौर था, जब मोदी संघ के प्रचारक की भूमिका में थे। इसके बाद साल 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्‍यता मिलने के साथ ही शाह ने राजनीतिक दुनिया में दस्तक दी थी।

    इसके बाद साल 1986 में उन्‍होंने भाजपा ज्‍वाइन की। ये वो समय था, जब मोदी को भी संघ से भाजपा में भेजा गया। संघ में हुई मोदी-शाह की ये मुलाकात आज के राजनीतिक दौर में सबसे कुशल जोड़ी के रूप में विख्यात हो चुकी है।

    गुजरात में साल 1997 में सरखेज सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर शाह (Amit Shah) पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने साल 1998, 2002 और 2007 में भी जीत हासिल की है और विधायक बने।

    शाह और पीएम मोदी के रिश्ते कैसे हैं?
    शाह (Amit Shah) और पीएम मोदी एक-दूसरे के काफी करीब हैं। शाह जब जेल में थे तो उनके परिवार की जिम्मेदारी पीएम मोदी ने ही संभाली थी। मोदी जब गुजरात के सीएम बने तो उन्होंने शाह को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी थी। इस समय शाह महज 37 साल के थे।

    साल 2014 के आम चुनावों में पीएम मोदी ने यूपी का चुनाव प्रभारी अमित शाह (Amit Shah) को ही बनाया था और शाह ने भी उन्हें निराश नहीं किया और जीत हासिल की। शाह 24 जनवरी 2016 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दोबारा चुने गए और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री के पद की जिम्मेदारी दी गई जिसे निरंतर निभाया जा रहा है।

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