सूरजकुंड। हरियाणा (Haryana) के गृह मंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) को गुरुवार को एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब उनके भाषण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने उन्हें कम से कम चार बार टोका। दरअसल हरियाणा के सूरजकुंड (Surajkund) में राज्यों के गृह मंत्रियों का दो दिवसीय चिंतन शिविर (two day meditation camp) आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान जब हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज भाषण दे रहे थे तब अमित शाह ने उन्हें चार बार टोका और कहा कि लंबे भाषण देने के लिए यह मंच ठीक नहीं है। गृह मंत्रालय द्वारा आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर गुरुवार को फरीदाबाद के सूरजकुंड में शुरू हुआ। 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों या सभी राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अनिल विज को स्वागत भाषण (वेलकम स्पीच) देना था। उसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अमित शाह द्वारा मुख्य भाषण दिया जाना था। हालांकि, जैसे ही सत्र शुरू हुआ वैसे ही विज ने बोलना शुरू कर दिया। वे लगभग चुनावी भाषण देते नजर आए। विज ने अपने भाषण में कार्यक्रम के वास्ते समय निकालने के लिए शाह का आभार व्यक्त किया। वैसे यह कार्यक्रम अमित शाह की अगुवाई में गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
इसके बाद अनिल विज ने हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, हरित क्रांति के दौरान इसके योगदान, ओलंपिक के दौरान इसके पुरुषों और महिलाओं के प्रदर्शन, राज्य सरकार द्वारा बनाए जा रहे खेलों के लिए बुनियादी ढांचे के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि वे खुद हर हफ्ते दरबार लगाते हैं। आम आदमी की समस्या सुनते हैं। लेकिन आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे उनके भाषण में शायद ही कोई जिक्र था।
इस दौरान अमित शाह मेज पर अनिल विज से तीन कुर्सी आगे बैठे थे। वे विज का भाषण भी ध्यान से सुन रहे थे, लेकिन भाषण के चलते वह असहज भी दिख रहे थे। विज ने भाषण के दौरान समय का ध्यान नहीं रखा। इसके बाद शाह ने मंत्री को एक चिट भेजकर अपना भाषण छोटा करने को कहा। हालांकि, ऐसा लगता है कि विज ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और एक और मिनट के लिए बोलना जारी रखा। इस पर शाह ने अपना माइक ऑन किया और विज को भाषण खत्म करने का इशारा करते हुए माइक बंद कर लिया। ऐसा लगा कि विज को अभी भी संदेश नहीं मिला।
शाह ने फिर माइक ऑन किया और बोले: “अनिल जी, आपको पांच मिनट आवंटित किए गए थे। आप पहले ही साढ़े आठ मिनट बोल चुके हैं। कृपया अपना भाषण समाप्त करें। यह इतने लंबे भाषण देने की जगह नहीं है। इसे संक्षिप्त रखें।” इस पर, विज ने शाह से अनुरोध किया कि वह उन्हें भाषण समाप्त करने के लिए कुछ सेकंड का समय दें क्योंकि उन्हें एक और प्वाइंट बताना था। इस पर अमित शाह ने विज की बात मान ली लेकिन विज फिर से अपनी उपलब्धियों की लंबी-लंबी सूची बताने लगे। परेशान दिख रहे अमित शाह ने फिर से माइक ऑन किया और सख्ती से बोले: “अनिल जी, कृपाया स्माप्त करें। ऐसे नहीं चल पाएगा। खत्म करें।”
शाह को सख्त देखकर विज ने अंतिम लाइनें बोलनी चाहीं लेकिन एक बार फिर से अमित शाह को बीच में ही बोलना पड़ा। उन्होंने कहा, “हो गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए।” इस पूरे घटनाक्रम से माहौल थोड़ा सख्त हो गया। अगले वक्ता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे। खट्टर को बोलने के लिए पांच मिनट का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने तीन मिनट में ही राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर बात की। फिर शाह ने बोलना शुरू किया।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) धर्मांतरण, राजनीतिक विरोध, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और देश का आर्थिक विकास बाधित करने के मकसद से धन का दुरुपयोग करने में लिप्त हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे एनजीओ के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे एनजीओ को मिलने वाले विदेशी चंदे पर रोक के लिए कड़ा कदम उठाते हुए वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) में संशोधन किया।
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